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Class 10th Social Science Subjective Question

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  • Class 10 Social Science All Chapter VVI Guess Question Paper 2023
S.NSocial Science (सामाजिक विज्ञान) 📒
1.History (इतिहास) Guess Paper
2.Geography (भूगोल) Guess Paper
3.Economics (अर्थ-शास्त्र) Guess Paper
4.Political Science (राजनितिक विज्ञानं) Guess Paper
5.Disaster Management (आपदा प्रबंधन) Guess Paper

भूगोल (Geography) का बिहार : कृषि एवं वन संसाधन का लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर

(क). बिहार : कृषि एवं वन संसाधन
लघु उत्तरीय प्रश्न

1. कृषि बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है- इस कथन की व्याख्या कीजिए।

उत्तर ⇒  बिहार के विभाजन के बाद बिहार उद्योगविहीन राज्य हो गए हैं। अब बिहार की सीमा में केवल कृषि कार्य के लिए ही भूमि उपलब्ध है। यहाँ की समृद्धि कृषि पर ही निर्भर है। क्योंकि यहाँ की 90% आबादी गाँव में निवास करती है जिसकी मुख्य पेशा कृषि है। यहाँ 80% लोग कृषि पर ही आधारित है। अतः उनके जीविका के आधार एवं अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि को कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।

2. नदी घाटी परियोजना के मुख्य उद्देश्यों को लिखें।

उत्तर ⇒  नदी घाटी परियोजनाओं के मुख्य उद्देश्य निम्न हैं –

(i). बाढ़ पर नियंत्रण
(ii). सिंचाई एवं जल विधुत के लिए नहरों का विकास
(iii). परिवहन के लिए जलमार्ग का विकास
(iv). पर्यटन के अवसर को विकसित करना
(v). जल विधुत विकसित करना
(vi). जल-कृषि एवं मत्स्य पालन जैसे व्यावसायिक कृषि कोबढ़ावा देना।
(vii). पेयजल उपलब्ध कराना इत्यादि।

3. बिहार में धाम की फसल के लिए उपयुक्त भौगोलिक दशाओं का उल्लेख करें।

उत्तर ⇒  धान की फसल के लिए भौगोलिक दशाएँ –
(i). उष्णार्द्र जलवायु
(ii). तापमान- 22°C-32°C के बीच
(iii). वर्षा- 150-300 से०मी०
(iv). मिट्टी- जलोढ़ एवं चिकनी
(v). बोआई- जून से अगस्त
(vi). कटाई- सितंबर से नवम्बर

4. बिहार में दलहन के उत्पादन एवं वितरण का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर ⇒  बिहार में दलहन फसलों में मुख्यतः चना, मसूर, खेसारी, मटर, मूंग, अरहर, उरद तथा कुरथी हैं। वर्ष 2006-07 के आँकड़े के हिसाब से यहाँ रबी दलहन की खेती 519.6 हजार हेक्टेयर भूमि पर किया गया, जिससे 372 हजार मैट्रिक टन दलहन का उत्पादन हुआ। जबकि खरीफ दलहन की खेती 87.26 हजार हेक्टेयर में किया गया, जिससे 74 हजार मैट्रिक टन दलहन का उत्पादन हुआ। दलहन उत्पादन में पटना, औरंगाबाद, कैमूर इत्यादि जिला प्रमुख हैं।

Bihar : Krishi evam Van Sansadhan Subjective Question Answer

5. बिहार के किस भाग में सिंचाई की आवश्यकता है और क्यों ?

उत्तर ⇒  बिहार के कई जिलों में सिंचाई साधनों के विकास की आवश्यकता है। क्योंकि, बिना सिंचाई के अच्छी उपज संभव नहीं है। ऐसे जिलों में रोहतास, गया, जहानाबाद नवादा, जमुई, नालन्दा एवं पटना आते हैं, जहाँ सिंचाई के साधनों का विकास नहीं हुआ है। कुछ स्थानों पर जल का स्तर काफी नीचे है तो कुछ क्षेत्रों की भूमि पथरीली है। इन क्षेत्रों में वर्षा का भी अभाव रहता है।

6. बिहार के नहरों के विकास से संबंधित समस्याओं को लीखिए।

उत्तर ⇒  बिहार में नहरों के विकास की समस्याएँ निम्न हैं –

(i). राज्य सरकार की उदासीनता
(ii). नहर विकास हेतु पूँजी का अभाव
(iii). बारहमासी नदियों का अभाव
(iv). कुछ नदियों द्वारा तीव्र मार्ग परिवर्तन
(v). केन्द्र सरकार की उपेक्षा इत्यादि ।

7. बिहार में ऐसे जिलों का नाम लिखिए जहाँ वन विस्तार एक प्रतिशत से भी कम है।

उत्तर ⇒  बिहार के ऐसे जिलों के नाम निम्नलिखित हैं जहाँ वन विस्तार एक प्रतिशत से भी कम हैं- सीवान, सारण, बक्सर, पटना, गोपालगंज, वैशाली, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, बेगूसराय, मधेपुरा, खगड़िया, नालंदा।

सामाजिक विज्ञान कक्षा 10 बिहार : कृषि एवं वन संसाधन लघु उत्तरीय प्रश्न

8. संक्षेप में शुष्क पतझड़ वन की चर्चा कीजिए ।

उत्तर ⇒  शुष्क पतझड़ वन का विकास बिहार के पूर्वी मध्यवर्ती एवं द०-पश्चिमी पहाड़ी भागों में हुआ है। कैमुर एवं रोहतास जिलों में इसका अधिकांश विस्तार देखने को मिलता है। इसकी वृक्षों में खैर, बहेड़ा, पलास, महुआ, अमलतास, शीशम, नीम, हरॆ आदि प्रमुख हैं। ये वृक्ष शुष्क ऋतु के आते ही अपने पत्तियों को गिरा देते हैं। मैदानी एवं दियारा क्षेत्रों में इस प्रकार के वनों का अभाव है।

9. बिहार में स्थित राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण्यों की संख्या बताएँ और दो अभ्यारण्यों की चर्चा करें।

उत्तर ⇒  बिहार में अभ्यारण्यों की संख्या-14 है, जबकि राष्ट्रीय उद्यान एक है। संजय गांधी राष्ट्रीय जैविक उद्यान राज्य का एकलौता राष्ट्रीय उद्यान है जबकि बेगूसराय जिला अन्तर्गत मंझौल अनुमंडल में 2500 एकड़ पर फैला कावर झील तथा दरभंगा जिला में कुशेश्वर स्थान वन्य जीवों के संरक्षणों के लिए प्रसिद्ध है।

10. बिहार में वनों के अभाव के चार कारणों को लिखिए।

उत्तर ⇒  बिहार में वनों के अभाव के चार मुख्य कारण निम्नलिखित हैं-

(i). कृषि क्षेत्रों का विस्तार
(ii).आवास भूमि का विस्तार
(iii). कल-कारखानों का विकास
(iv). वन संबंधी मानवीय चेतना का अभाव

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. बिहार की मुख्य नदी घाटी परियोजनाओं का नाम बताएँ एवं सोन अथवा कोसी परियोजना के महत्त्व पर प्रकाश डालें।

उत्तर ⇒  बिहार की मुख्य नदी घाटी परियोजनायें निम्नलिखित हैं—
(i). सोन नदी घाटी परियोजना 
(ii). गंडक नदी घाटी परियोजना 
(iii). कोसी नदी घाटी परियोजना 

सोन नदी घाटी परियोजना – यह परियोजना बिहार की सबसे पुरानी और पहली नदी घाटी परियोजना है, इसका विकास अंग्रेज सरकार ने 1874 में सिंचाई के लिए किया था। इसने डेहरी के पास से पूरब एवं पश्चिम की ओर नहरें निकाली गईं। इसकी कुल लम्बाई 130 कि० मी० थी। इस नहर से पटना एवं गया जिले कई नहरों की कई शाखाएँ और उपशाखाएँ विकसित की गई जिससे औरंगाबाद, भोजपुर, बक्सर, रोहतास जिलों की भूमि का सिंचाई की जाती है और अब कुल 4.5 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जाती है। इस परियोजना से सूखा प्रभावित क्षेत्र को सिंचाई की सुविधा प्राप्त होने से बिहार का दक्षिणी पश्चिमी क्षेत्र का प्रति हेक्टेयर उत्पादन काफी बढ़ गया और चावल की अधिक खेती होने लगी है इस कारण से इस क्षेत्र को बिहार का ‘चावल का कटोरा’ (Rice Bowel of Bihar) कहते है ।
                                         इस बहुद्देशीय परियोजना के अंतर्गत जल-विद्युत उत्पादन के लिए शक्ति, की स्थापना की गई है, पश्चिमी नहर पर डेहरी के पास 6.6 मेगावाट उत्पादन का शक्ति-गृह स्थापित है, इसी प्रकार पूर्वी नहर शाखा पर बारूण नामक स्थान 3.3 मेगावाट क्षमता का शक्ति-गृह निर्माण किया गया है । इस परियोजना नवीनीकरण पर विचार किया जा रहा है। सोन नदी पर इन्द्रपुरी के पास एक के निर्माण का प्रस्ताव भी है और 450 मेगावाट पन बिजली उत्पादन का लक्ष्य है ।

कोसी नदी घाटी परियोजना – इस परियोजना की कल्पना 1896 ई. में गया था किन्तु वास्तविक रूप से 1955 ई. से कार्य प्रारम्भ हुआ।
               यह परियोजना नेपाल सरकार, भारत सरकार तथा बिहार राज्य की सा प्रयास का फल है । इसका मुख्य उद्देश्य नदी के बदलते मार्ग को रोकना है उसी भूमि की बर्बादी पर नियन्त्रण, भयानक बाढ़ से क्षति पर रोक, जल से सिंचाई ” विकास, जल विद्युत उत्पादन, मत्स्य पालन, नौका रोहण एवं पर्यावरण पर नियंत्रण आदि है । इस परियोजना को कई चरणों में पूरा किया गया है पहले चरण में परिवर्तन पर नियंत्रण, बिहार, नेपाल सीमा पर स्थित हनुमान नगर स्थान पर बैराज का निर्माण, बाढ़ नियंत्रण के लिए दोनों ओर तट बंध का निर्माण, पूर्वी एवं पश्चिमी कोसी नहर एवं उसकी शाखाओं का निर्माण सम्मिलित किया गया। इसी क्रम नदी के दोनों ओर 20 कि. मी. लम्बे बाढ़ नियंत्रण बाँध का निर्माण हुआ।
          पूर्वी नहर तथा इसकी पार प्रमुख सहायक नहरें द्वारा लगभग 14 लाख एकट भूमि में सिंचाई की योजना बनाई गई थी। इससे पूर्णिया, सहरसा, मधेपुरा और अररिया जिलों में सिंचाई होती है। पूर्वी नहर को और भी विस्तृत किया गया है। इसकी एक शाखा ताजपुर नहर निकाली गई है। पश्चिमी नहर से कई उप नहरें निकली हैं, पश्चिमी नहर का लगभग 35 कि० मी० का क्षेत्र नेपाल में पड़ता है और शेष भाग मधुबनी एवं दरभंगा जिलों में पड़ता है। कोसी बैराध 12.161.30 मीटर लम्बा है जो कि 1963 में बनकर तैयार हुआ था।

सामाजिक विज्ञान (भूगोल ) पाठ -1 भारत : संसाधन एवं उपयोग SUBJECTIVE QUESTION

2. बिहार की कृषि की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा कीजिए।

उत्तर ⇒  बिहार की कृषि की समस्याएँ निम्नलिखित हैं –

(i). मिट्टी कटाव एवं गुणवत्ता का हास : भारी वर्षा और बाढ़ के कारण मिट्टी का कटाव होता है, साथ ही वर्षों से लगातार रासायनिक खादों के उपयोग से भी मिट्टी का हास हो रहा है।

(ii). घटिया बीजों का उपयोग : उच्च कोटि के बीज का उपयोग नहीं होने के कारण प्रति एकड़ उपज अन्य राज्यों की अपेक्षा कम है।

(iii). खेतों का छोटा आकार : हमारे राज्य के खेतों का आकार छोटा है जिस कारण वैज्ञानिक पद्धति से खेती सम्भव नहीं हो पाती है।

(iv). किसानों में रूढ़ीवादिता : यहाँ के किसान परिश्रम पर कम, भाग्य और रूढ़िवादिता पर अधिक भरोसा करते हैं।

(v). सिंचाई की समस्या : यहाँ की कृषि मानसून पर निर्भर है, बाढ़ और सुखाड़ यहाँ की नियती बन गई है। यहाँ सिंचाई की व्यवस्था केवल 46% भूमि पर ही उपलब्ध है, शेष भूमि सिंचाई से वंचित है।
इन सभी समस्याओं के अतिरिक्त पूँजी का अभाव, पशुओं की दयनीय दशा, जनसंख्या, आर्थिक एवं सामाजिक समस्याएँ भी कृषि के विकास में बाधक हैं।

3. बिहार में कौन-कौन सी फसलें लगायी जाती हैं ? किसी एक फसल के मुख्य उत्पादनों की व्याख्या कीजिए।

उत्तर ⇒  बिहार में चार फसलें भदई, अगहनी, रबी एवं गरमा लगाई जाती है-

(i). भदई – धान ज्वार, बाजरा, मकई के अलावे जूट एवं सब्जी की खेती होती है। इसकी खेती जून से होती है एवं अगस्त सितम्बर में कटाई कर ली जाती है।

(ii). अगहनी – बिहार की आधी से अधिक कृषिगत भूमि पर अगहनी फसल लगाई जाती है । यह फसल जून से अगस्त तक लगायी जाती है और नवम्बर-दिसम्बर में काट ली जाती है। धान, बाजरा, अरहर, गन्ना प्रमुख फसल है।

(iii). रबी – इस फसल में अक्टूबर-नवम्बर के मध्य लगाया जाता है एवं अप्रैल में काट लिया जाता है। गेहूँ, जौ, दलहन, तेलहन इसके प्रमुख फसल है।

(iv). गरमा – इस फसल को गर्मी की ऋतु में लगाया जाता है। इसमें गरमा, धान, ग्रीष्मकालीन सब्जियां उगायी जाती है।
चावल बिहार का प्रमुख खाद्यान्न फसलें हैं। इसकी खेती राज्य के सभी भागों में होती है। 2006-07 में 33.54 लाख हेक्टेयर भूमि पर 50 लाख टन धान का उत्पादन हुआ।
धान की खेती सबसे अधिक उत्पादन पश्चिम चम्पारण, रोहतास, औरंगाबाद में होता है । इन तीनों राज्य क्रमशः सबसे अधिक चावल उत्पादन करते हैं। लेकिन क्षेत्रफल की दृष्टि से रोहतास प्रथम है । इसके अलावे पूर्वी चम्पारण, मधुबनी आदि ।

बिहार : कृषि एवं वन संसाधन लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर

4. बिहार में वन्य जीवों के संरक्षण पर विस्तार से चर्चा करें।

उत्तर ⇒   बिहार में वन, वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए आदि काल से ही कई रीति-रिवाजों का प्रचलन है। कई धार्मिक अनुष्ठान तो वृक्षों के नीचे ही किए जात. हैं। कई ऐसे आंचलिक त्योहार भी है जो वृक्षों से सम्बन्धित है। इस राज्य में परम्परागत रूप से वट, पीपल, आँवला और तुलसी के पेड़ पौधों की पूजा की जाती है। हमारे यहाँ चींटी से लेकर सांप जैसे विषैले जन्तु को भोजन दिया जाता है आ पूजा की जाती है। पक्षियों को भी दाने देने का प्रचलन है। साथ ही राष्ट्रीय राज्य स्तर पर वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे है. यहाँ 14 अभ्यारण्य एवं एक राष्ट्रीय उद्यान है जिसके अन्तर्गत कुल 2064.4 हेक्टेयर भूमि हैं, इनमें पटना का संजय गाँधी जैविक उद्यान, बेगूसराय जिला अन्त मंझौल अनुमंडल में 2500 एकड़ पर फैला कावर झील, दरभंगा जिला में कुशेश्वर स्थान वन्य जीवों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध हैं। कुशेश्वर स्थान में पहले बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों को फंसाया जाता था लेकिन जन जागरण के कारण अब यहाँ पर किसी भी प्रकार का शिकार करना पूर्णतः वर्जित हो गया है।
    वन एवं वन्य प्राणियों के संरक्षण में राज्य सरकार की कई संस्थाएँ कार्यरत हैं। इनमें वन, पर्यावरण तथा जल संसाधन विकास विभाग प्रमुख हैं, इनके अतिरिक्त इस क्षेत्र में कई स्वयं सेवी संस्थाएँ भी काम कर रही हैं इनमें प्रयास, तरूमित्र, प्रत्यूष और भागलपुर में मंदार नेचर कलब (Mandar Nature Club) प्रमुख है।


(ख). बिहार : खनिज एवं उर्जा संसाधन
लघु उत्तरीय प्रश्न

1. बिहार में तापीय विधुत केन्द्रों का उल्लेख करें।

उत्तर ⇒  परम्परागत ऊर्जा स्रोतों में कई तापीय विधुत केन्द्र है। इनमें कहलगाँव, कांटी और बरौनी तापीय विद्युत केन्द्र प्रमुख हैं। इन परियोजनाओं के अतिरिक्त कुछ प्रस्तावित तापीय परियोजनाएँ भी हैं, इनमें बाढ़ और नबीनगर तापीय परियोजनाएँ हैं।

2. अभ्रक कहाँ मिलता है? इसका क्या उपयोग है ?

उत्तर ⇒  अभ्रक झारखण्ड से संलग्न क्षेत्रों में पाया जाता है, नवादा, जमुई और बाँका जिलों में इसका भंडार है। बिहार में मस्कोव्हाइट अभ्रक पाया जाता है। यह विद्यत का कचालक होता है, इस कारण इसका उपयोग विद्युत उपकरण निर्माण में होता है। इसके अतिरिक्त वस्त्र निर्माण, तारपेंटिंग, गुलाल अबीर, रंगरोगन इत्यादि में भी इसका उपयोग किया जाता है।

3. बिहार में ग्रेफाइट एवं यूरेनियम के वितरण को लिखिए।

उत्तर ⇒  बिहार में ग्रेफाइट मुख्यतः मुंगेर एवं रोहतास जिले में पाया जाता है जबकि यूरेनियम बिहार में किसी भी जिला में नहीं पाया जाता है अर्थात बिहार में यूरेनियम अप्राप्त है।

4. बिहार में जल विद्युत विकास पर प्रकाश डालिए।

उत्तर ⇒  बिहार में जल विद्युत परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है, इसके विकास के लिए 1982 में बिहार राज्य जल विद्युत निगम का गठन किया गया। इसके द्वारा 2055 मेगावाट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। डेहरी में स्थित पश्चिम सोन परियोजना, वारूण पूर्वी सोन लिंक नहर, बाल्मीकिनगर तथा कटैया परियोजना से 44.10 मेगावाट जल विद्युत का उत्पादन होता है।

बिहार : कृषि एवं वन संसाधन दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर

5. सोन नदी घाटी परियोजना से उत्पादित जल विद्युत का वर्णन कीजिए।

उत्तर ⇒  सोन नदी पर दो विद्युत केन्द्र डेहरी और वारूण हैं। यहाँ कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 9.9 मेगावाट है। इसका अधिकांश ऊर्जा डालमीयानगर औद्योगिक प्रतिष्ठान के लिए होता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. बिहार के प्रमुख ऊर्जा स्रोतों का वर्णन कीजिए और किसी एक स्रोत का विस्तार से चर्चा कीजिए।

उत्तर ⇒  बिहार में कई ऊर्जा का स्रोत उपलब्ध हैं जैसे- जल विद्युत, तापीय विद्युत, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, पवन ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा, बायो गैस इत्यादि । बिहार में अभी केवल जल विद्युत एवं तापीय विद्युत का ही
उत्पादन हो रहा है। जल विद्युत : बिहार में सोन परियोजना के अन्तर्गत डेहरी, वारूण, प०चम्पारण, कटैया विद्युतगृह से विद्युत का उत्पादन किया जा रहा है। बिहार में वर्तमान समय में 44. 10 मेगावाट जल विद्युत का उत्पादन हो रहा है। जो चारों विद्युत परियोजनाओं में क्रमशः 6.6 मेगावाट, 3.3 मेगावाट, 15.0 मेगावाट एवं 1.2 मेगावाट विद्युत उत्पन्न करते हैं। इसके अतिरिक्त बिहार के कई जिलों में विद्युत परियोजनाएँ निर्माणाधीन हैं। इसके अस्तित्व में आते ही बिहार आत्मनिर्भर के साथ-साथ जल विद्युत उत्पादन में एक प्रमुख राज्य के रूप में उभर कर सामने आएगा।

2. बिहार में पाए जाने वाले खनिजों को वर्गीकृत कर किसी एक वर्ग के खनिज का वितरण एवं उपयोगिता को लिखिए।

उत्तर ⇒  बिहार के खनिजों को निम्नलिखित वर्गों में रखा जा सकता है—

(i). धात्विक खनिज—इसके अंतर्गत बॉक्साइट, मैग्नेटाइट और सोना अयस्क आते हैं।
(ii). अधात्विक खनिज—चूना-पत्थर, अभ्रक, डोलोमाइट, सिलिका सैंड, पाइराइट क्वार्टन, फेल्सपार, चीनी मिट्टी, स्लेट एवं शोरा जैसे अधात्विक खनिज मिलते हैं।

धात्विक खनिज—बॉक्साइट का भंडार बिहार में 1.5 हजार मैट्रीक टन है। यह गया, जमुई और बाँका जिलों में मिलता है। इसका उपयोग बिजली के तार, बर्तन, हवाई जहाज, बस, रेलवे कोच बनाने में होता है। बॉक्साइट से ऐलुमिनियम बनाया जाता है। मैग्नेटाइट पत्थर का कुल भंडार 0.59 हजार मैट्रीक टन है। यह बिहारी पहाड़ी क्षेत्र में मिलता है।
     सोना अयस्क यहाँ बहुत अल्प मात्र में दक्षिणी बिहार के नदियों (फाल्गू) के बालू के रेत के साथ मिलता है। जिसमें सोना धातु की मात्रा 0.1 से 0.6 ग्राम प्रतिटन प्राप्त है। सोना अयस्क का कुल भंडार 128.88 मैट्रीक टन है। सोना का उपयोग ज्वेलर बनाने, दवा बनाने तथा दाँत बनाने में किया जाता है।


(ग). बिहार : उधोग एवं परिवहन 
लघु उत्तरीय प्रश्न

1 .जमालपुर में किस चीज का वर्कशॉप है और क्यों प्रसिद्ध है ।

उत्तर ⇒  जमालपुर में रेल वर्कशॉप है। यह मुंगेर जिला में स्थित है और यहाँ डीजल इंजन का कार्य होता है। यहाँ से भारत के गैर विद्युतीकरण रेलवे क्षेत्रों को आपूर्ती की जाती है।

2. राजगीर के औद्योगिक विकास पर अपना विचार स्पष्ट कीजिए।

उत्तर ⇒  राजगीर को पर्यटक क्षेत्र में विकसित किया गया है। यहाँ विश्व के विभिन्न देशों के पर्यटक ऐतिहासिक एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व के स्मारक, खंडहर, बौद्ध एवं जैन मठ, रज्जू मार्ग, शांती स्तूप इत्यादि देखने के लिए आते हैं। वर्तमान समय में यहाँ एक आयुध कारखाना का निर्माण चल रहा है साथ ही सरकार के द्वारा विभिन्न योजनाओं में उद्योगों के विकास पर बल दिया जा रहा है।

बिहार : कृषि एवं वन संसाधन का महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव क्वेश्चन

3. नई औद्योगिक नीति के मुख्य बिन्दुओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर ⇒  बिहार में नई औद्योगिक नीति का बढ़ावा दिया जा रहा है, इसके अन्तर्गत बिहार में इन दिनों सूचना प्रौद्योगिकी की भी विकास हो रहा है। पटना सिलकोन पार्क का भी विकास किया गया है। कम्प्यूटर हार्डवेयर के क्षेत्र में भी कई संस्थाएँ काम कर रही है।

4. बिहार में जूट उद्योग पर टिप्पणी लिखें।

उत्तर ⇒  जूट उद्योग बिहार ही नहीं, भारत का एक महत्वपूर्ण उद्योग है । वर्तमान समय में बिहार भारत का दूसरा बड़ा उत्पादक वाला राज्य है। यहाँ जूट के तीन बड़े कारखाने हैं। कटिहार, पूर्णिया और दरभंगा में हैं।

5. गंगा किनारे स्थित महत्वपूर्ण औद्योगिक केन्द्रों का उल्लेख कीजिए ।

उत्तर ⇒  गंगा नदी के द्वारा प्रत्येक वर्ष नवीन मृदा एवं जल उपलब्ध होता है। फलतः गंगा नदी के दोनों किनारे कृषि आधारित उद्योग का विकास काफी तीव्र गति से हआ है, जिसमें प्रमुखतः चावल, दाल, आँटा इत्यादि उद्योग का विकास बाढ़, मोकामा, बरबीघा, शेखपुरा, बिहारशरीफ आदि क्षेत्रों में हुआ है। इसके अतिरिक्त मोकामा से हाजीपुर के नजदीक सब्जी उद्योग एवं केले के फसल का तीव्र गति से विकास हुआ है।

6. औद्योगिक विकास हेतु बिआडा के पहल को बताएँ।

उत्तर ⇒  बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (Bihar Indus trial Area Development Authority) बिआडा के द्वारा बिहार राज्य के पुराने उद्योगों को पुनः संचालित करना एवं नए उद्योगों को विभिन्न क्षेत्रों में लगाने पर जोर दिया जाना है। उद्योगों से संबंधित अनुदान, वस्तु की गुणवत्ता एवं लाइसेंस इत्यादि का कार्य भी करता है। बिहार राज्य के खनिज एवं कृषि आधारित उद्योगों के विकास से संबंधिक कार्यों में बिआडा की प्रमुख भूमिका है।

7. बिहार में नदियों का परिवहन क्षेत्र में क्या योगदान है ?

उत्तर ⇒  बिहार की प्रमुख नदियाँ गंगा, घाघरा, कोसी, गण्डक, सोन सालों भर प्रवाहित होती रहती हैं जिससे. परिवहन का विकास हुआ। घाघरा नदी से खाद्यान्न, गण्डक से लकड़ी, फल, सब्जी, सोन नदी से बालू और पुनपुन नदी से बाँस ढोने का कार्य होता है। गंगा नदी पर पटना के महेन्द्रुघाट के निकट हल्दिया-इलाहाबाद राष्ट्रीय जलमार्ग का विकास किया गया है जिससे यात्रियों एवं सामानों को ढोने का कार्य किया जाता है।

बिहार : कृषि एवं वन संसाधन ka Subjective question answer class 10 2023

8. बिहार के प्रमुख हवाई अड्डों का नाम लिखिए और वह कहाँ स्थित हैं ?

उत्तर ⇒  बिहार के प्रमुख हवाई अड्डे एवं उनकी स्थिति निम्न हैं –

(i). जय प्रकाश अंतर्राष्ट्रीय हवाई पत्तन-पटना
(ii). गया अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा-गया
(iii). भागलपुर हवाई अड्डा-भागलपुर
(iv). बिहटा हवाई अड्डा-पटना
(v). मुजफ्फरपुर हवाई अड्डा-मुजफ्फरपुर
(vi). जोगवनी हवाई अड्डा-पूर्णिया
(vii). रक्सौल हवाई अड्डा-रक्सोल

9. मुंगेर में कौन-कौन से उद्योग विकसित हैं वर्णन करें।

उत्तर ⇒  मुंगेर में मुख्यतः बंदूक उद्योग, डीजल इंजन वर्कशॉप उद्योग, तम्बाकू उद्योग, तेल उद्योग एवं पर्यटन उद्योग का विकास हुआ है। मुंगेर के दिलावरपुर में इम्पेरियल टोबेको बीड़ी एवं सिगरेट का कारखाना, सरसों एवं राई से तेल उद्योग, जमालपुर में डीजल इंजन वर्कशॉप तथा ऐतिहासिक पर्यटक उद्योग का विकास प्रमुख रूप से हुआ है।

10. उत्तरी बिहार की अपेक्षा दक्षिणी बिहार में सड़कों का विकास अधिक हुआ है, क्यों ?

उत्तर ⇒  उत्तरी बिहार की अपेक्षा दक्षिणी बिहार में सड़कों का अधिक विकास होने का मुख्य कारण है कि उत्तरी बिहार में प्रत्येक वर्ष बाढ़ की समस्या उत्पन्न होती है, जिससे सड़कों का विकास नहीं हो पाता है। साथ ही साथ उत्तरी बिहार में दक्षिणी बिहार की अपेक्षा प्रत्येक वर्ष अधिक वर्षा होती है, जिससे सड़कों के विकास में अवरोध उत्पन्न होता है।

11. बिहार के जल मार्ग पर अपना विचार प्रस्तुत करें।

उत्तर ⇒  बिहार की प्रमुख नदियाँ गंगा, गण्डक, सोन, पुनपुन, बूढ़ी गंडक, कोसी, घाघरा, महानदी इत्यादि है। इनमें अधिकतम नदियों का उपयोग जलमार्ग हेतु किया जाता है। जल मार्ग के रूप में घाघरा नदी के द्वारा खाद्यान्न गण्डक नदी से लकड़ी, सब्जी सोन नदी से बालू एवं पुनपुन नदी से बाँस विभिन्न क्षेत्रों में पहुँचाया जाता है। गंगा नदी पर इलाहाबाद से हल्दिया तक राष्ट्रीय जलमार्ग की विकास किया गया है, जिससे यात्रियों एवं सामानों को ढोने का कार्य किया जाता है।

कक्षा 10 बिहार : कृषि एवं वन संसाधन का सब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर

12. उत्तरी बिहार के रेल मार्गों की विवेचना कीजिए।

उत्तर ⇒  उत्तरी बिहार के पूर्वी-पश्चिमी भाग में रेल मार्ग का विकास अधिक हुआ है। यहाँ विभिन्न जिलों के मुख्यालयों को जोड़ने का कार्य किया गया है। जिला मुख्यालय में हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, बरौनी, खगड़िया, बेगुसराय, सहरसा इत्यादि प्रमुख हैं। यहाँ के प्रमुख रेलों में एक्सप्रेस सवारी डी०एमव्य०, इन्टरसीटी एक्सप्रेस इत्यादि है। यहाँ के प्रमुख रेलवे जंक्शन बरौनी एवं समस्तीपुर है। इन क्षेत्रों में रेलवे का विद्युतीकरण का कार्य भी किया जा रहा है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. बिहार के प्रमुख सड़क मार्गा के विस्तार एवं विकास पर चर्चा कीजिए।

उत्तर ⇒  बिहार में सबसे पहले सड़क मार्ग का विकास हुआ। आजादी के बाद सड़क का विस्तार अधिक हुआ है जो कि आजादी के समय सड़कों की कुल लम्बाई 2104 कि. मी० थी, जबकि वर्तमान में सड़कों की कुल लम्बाई 81,680 कि० मी० थी, वर्तमान समय में सड़कों को प्रशासनिक एवं कार्यिक दृष्टि से पाँच वर्गों में रखा गया है-

प्रकारकुल लम्बाई      कुल का प्रतिशत
राष्ट्रीय राजमार्ग37,340004.57
राज्य उच्च पथ38,49.004.71
 मुख्य जिला सड़कें7017258.59
अन्य जिला सड़कें3819.004.67
ग्रामीण सड़कें63261.6377.46
कुल लम्बाई81690.10100.00

(1). राष्ट्रीय उच्च मार्ग – यह बिहार को अन्य राज्यों एवं क्षेत्रों से जोड़ता है। बिहार की सबसे प्रमुख राष्ट्रीय उच्च मार्ग संख्या 2 है, यह ग्राण्ड ट्रंक रोड के नाम से प्रसिद्ध है। बिहार में राष्ट्रीय उच्च मार्ग की कुल लम्बाई 3734 कि. मी. है। बिहार में सबसे लम्बी सड़क उच्च पथ 31 है।

(2). राज्य स्तरीय सड़क मार्ग – इन सड़कों की देख-रेख बिहार सरकार करती है और यह मुख्य रूप से जिला मुख्यालयों को जोड़ती है।

(3). जिला स्तरीय सड़क – ये सड़कें जिला के मुख्य नगरों एवं अनुमंडलों को जोड़ती है।

(4). राज्य में सबसे अधिक विस्तार सड़कों का है।
वर्तमान में सड़कों के विकास पर अधिक बल दिया जा रहा है। एशियान बैंक के सहयोग से इन्हें दो लेन वाले उच्च पथों में उन्नयन का काम जारी है।

2. बिहार के कृषि आधारित किसी एक उद्योग के विकास एवं वितरण पर प्रकाश डालिए।

उत्तर ⇒  बिहार में कृषि आधारित उद्योग, चीनी उद्योग, सूती वस्त्र उद्योग, जूट उद्योग है।
चीनी उद्योग – बिहार के उद्योगों में चीनी उद्योग एक महत्वपूर्ण है। 20वीं सदी के मध्य तक भारत में चीनी उद्योग के क्षेत्र में बिहार का स्थान महत्वपूर्ण था किंतु 1960 ई. के बाद इस उद्योग में हताश होने लगा। वर्तमान समय में उत्पादन में 7वां स्थान है। यहाँ इस उद्योग के लिए सभी अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियाँ वर्तमान है। बिहार की पहली चीनी मिल डच कम्पनी द्वारा 1840 ई० बेतिया में स्थापित किया गया था।
वर्तमान समय में यहाँ चीनी मिलें 9 हो गयी है एवं चीनी उत्पादन का कुल उत्पादन 4.52 लाख मीट्रिक टन है।
बिहार में चीनी की अधिकतर मिलें उत्तरी-पश्चिमी क्षेत्र में विकसित है। पश्चिमी चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, सीवान, गोपालगंज और सारण जिला में चीनी मिलें केन्द्रित है। क्योंकि यह क्षेत्र गन्ना उत्पादन के लिए अनुकूल है।
बिहार में कुछ चीनी मिलें दरभंगा जिला के सकरी लोहार, हसनपुर एवं मुजफ्फरपुर जिला के मोतीपुर में है। राज्य के दक्षिणी भाग में भी चीनी के कछ कारखाने स्थित है। इनमें विक्रमगंज, बिहटा, गरारू की चीनी मिलें हैं।

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3. बिहार के रेल अथवा जलमार्ग के संबंध में विस्तार से चर्चा बिहार के रेल कीजिए।

उत्तर ⇒  बिहार में जलमार्ग के लिए नदियों का उपयोग किया जाता है . बिहार में कई बड़ी नदियाँ है जिसमें सालोभर जल प्रवाहित होता रहता है, शायद यही कारण है कि इस राज्य में प्राचीन काल से ही जल परिवहन का कार्य होता रहा है । मध्यकाल में भी यतायात का मुख्य साधन जल मार्ग ही था, इसी कारण से नगरों का विकास नदियों के तट पर हुआ । गंगा, घाघरा, कासा, गण्डक और सोन नदियाँ मुख्य रूप से जल परिवहन के लिए उपयोग की जाती हैं ।

घाघरा नदा से खाद्यान, गण्डक से लकड़ी फल सब्जी, सोन नदी से बालू और पुन-पुन नदी से बांस ढोये जाते किन्तु अब नदियों में अवसाद के जमाव, बाढ़ और ग्रीष्म काल में जल के अभाव के कारण परिवहन बाधित हो गया है। गंगा के कई घाटों पर स्टीमर की सुविधा है किन्तु अब पुलों के निर्माण से स्टीमर का परिचालन बहुत ही कम हो गया बड़ी-बड़ी नावें कार्यरत हैं।

वर्तमान में गंगा नदी में हल्दिया-इलाहाबाद राष्ट्रीय जल मार्ग विकसित किया गया है हाल ही में महेन्द्र घाट के पास एक राष्ट्रीय पोत संस्थान (National Ship institute) की स्थापना की गई है। दक्षिणी बिहार की सोन नदी से निकाली गई नहरों को परिवहनीय बनाया गया है . प० सोन नहर से निकल आरा नहर नाव परिवहन परिचालन की सुविधा प्रस्तुत करता है।

4. बिहार में वस्त्र उद्योग पर विस्तार से चर्चा कीजिए।

उत्तर ⇒  वस्त्र उद्योग बिहार का एक प्राचीन उद्योग है, इस उद्योग में एक विशेष समुदाय की भागीदारी रही है। यह काम यहाँ ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र दोनों में होता है। भाग तसर कपड़े, लूंगी एवं चादर देश-विदेश में प्रसिद्ध है। औरंगाबाद जिले के ओबरा तथा दाउदनगर के बने कालीन की मांग सम्पूर्ण भारत में है। बिहार में सूती, रेश्मी एवं ऊनी वस्त्र तैयार किया जाता है। कच्चे माल के अभाव के कारण बिहार में सूती वस्त्र उद्योग का अधिक विकास नहीं हुआ है, लेकिन सस्ते मजदूर तथा बाजार की उपलब्धता के कारण डूमरांव, गया, मोकामा, मुंगेर, फुलवारीशरीफ एवं भागलपुर में यह उद्योग विकसित हआ है। यहाँ छोटी-छोटी मिलें स्थापित हैं। सूत कानपुर एवं अहमदाबाद से मंगाया जाता है। रेशमी वस्त्र उद्योग का सबसे अधिक विकास भागलपुर में हुआ है। हस्तकरघा एवं रेशमी वस्त्र निदेशालय की स्थापना की गई है। इसके द्वारा क्षेत्रीय स्तर पर भागलपुर, मुजफ्फरपुर, गया एवं दरभंगा में रेशमी वस्त्र, भभुआ में बनारसी साडी, नालंदा तथा नवादा में रेश्मी वस्त्र उत्पादन को प्रोत्साहन दिया गया है।


(घ). बिहार जनसंख्या एवं नगरीकरण 
लघु उत्तरीय प्रश्न

1. बिहार की जनसंख्या आकार को बताइए।

उत्तर ⇒  बिहार की जनसंख्या वितरण सभी जगह समान रूप से नहीं है। 2001 की जनगणना के अनुसार यहाँ की कुल जनसंख्या 8,29,98,509 है। केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (CAO) के अनुसार 2007 में बिहार की जनसंख्या बढ़कर 9.31 करोड़ हो गई है। बिहार की दशकीय वृद्धि दर 1991-2001 के दौरान 28. 62 प्रतिशत था। जबकि राष्ट्रीय वृद्धि दर 21.11 प्रतिशत था। यहाँ की कुल आबादी का 89.5 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में बास करता है।

2. बिहार के अत्यधिक घनत्व वाले जिले का नाम लिखिए।

उत्तर ⇒  बिहार के अत्यधिक घनत्व वाले जिलों में 1200 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर में निवास करती है। इसके अन्तर्गत पटना, दरभंगा, वैशाली, बेगुसराय, सीतामढ़ी, सारण, सिवान आदि आते हैं।

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3. बिहार में अत्यन्त कम घनत्व वाले जिले कौन-कौन हैं ?

उत्तर ⇒  अत्यन्त कम घनत्व वाले जिले में वे जिले आते हैं जिनकी आबादी 600 व्यक्ति प्रतिवर्ग किलोमीटर से कम है। इस वर्ग के अन्तर्गत पश्चिमी चम्पारण, बाँका, जमुई और कैमूर जिला आता है, जिसका घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।

4. दो प्राचीन एवं दो आधुनिक नगरों का नाम लिखिए।

उत्तर ⇒  दो प्राचीन नगरें- पाटलीपुत्र, नालंदा, दो आधुनिक नगरें- हाजीपुर, बरौनी

5. बिहार की जनसंख्या सभी जगह समान नहीं है। स्पष्ट कीजिए।

उत्तर ⇒  बिहार की जनसंख्या वितरण सभी जगह समान रूप से नहीं है। कहीं पर जनसंख्या बहुत अधिक है तो कहीं बहुत ही कम । इसका मुख्य कारण यहाँ की आर्थिक, सामाजिक परिवेश और भौतिक विविधता है। जहाँ भी धरातल समतल जलोढ़ एवं मैदानी है वहाँ घनी आबादी है। जहाँ भी सिंचाई की सुविधा, कृषि में नये
तकनीक, प्रतिव्यक्ति आय नगरीकरण अधिक है वहाँ और भी आबादी अधिक है। पटना, नालन्दा, मुजफ्फरपुर और भोजपुर जिलों में इन्हीं कारणों से जनसंख्या अधिक हैं।

6. मध्ययुग में बिहार में नगरों का विकास किस प्रकार हुआ ?

उत्तर ⇒  मध्ययुग में विकसित होने वाले जिले क्रमशः सासाराम, दरभंगा, पूर्णिया, छपरा, सिवान आदि आते हैं। इन नगरों के विकास का प्रमुख कारण सड़कों का निर्माण एवं प्रशासनिक विकास है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. बिहार की जनसंख्या घनत्व पर विस्तार से चर्चा कीजिए।

उत्तर ⇒  बिहार की जनसंख्या घनत्व को पाँच वर्गों में बाँटा जा सकता है –

(i). अत्यधिक घनत्व वाले जिले – जिन जिलों का घनत्व 1200 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है उसे इस वर्ग में रखा गया है। पटना, दरभंगा, वैशाली, बेगुसराय, सीतामढ़ी, सारण, सिवान आदि इसके अन्तर्गत आते हैं।

(ii).उच्च घनत्व के जिले – इसके अन्तर्गत वे जिले आते हैं, जहाँ औसत घनत्व 1000-1200 व्यक्ति प्रतिवर्ग किलोमीटर के बीच है। मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, गोपालगंज, मधुबनी तथा नालन्दा जिले इसके अन्तर्गत आते हैं।

(iii).मध्यम घनत्व के जिले – इसके अन्तर्गत 800-1000 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर लोग रहते हैं। पूर्वी चम्पारण, भागलपुर, जहानाबाद, अरवल, भोजपुर जिले इसके अन्तर्गत आते हैं।

(iv).कम घनत्व के जिले – इस वर्ग के अन्तर्गत पूर्णिया, कटिहार, अररिया, नवादा, शेखपुरा, सुपौल, गया इत्यादि जिले आते हैं। इसके अन्तर्गत 600-800 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर लोग निवास करते हैं।

(v).अत्यन्त कम घनत्व वाले जिले – इस वर्ग में वे जिले आते हैं जिसकी आबादी 600 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से कम है। इसके अन्तर्गत पश्चिमी चम्पारण, बाँका, जमुई और कैमूर जिला आता है।

2. बिहार में नगर विकास पर एक विश्लेषण प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर ⇒  बिहार में नगरों के विकास का इतिहास बहुत पुराना है, यहाँ के अधिकतर प्रमुख नगर किसी न किसी नदी तट पर विकसित है। यहाँ के प्राचीन नगरों का विकास राजधानी, शिक्षा, धार्मिक एवं व्यापारिक केन्द्र के रूप में हुआ है। इसमें पाटलीपुत्र, नालन्दा, राजगीर, गया, वैशाली, बोधगया इत्यादि प्रमख हैं। मध्यकाल में भी यहाँ नगरों का विकास एवं सड़कों के विकास प्रशासनिक कारणों से हुआ था। ऐसे नगरों में सासाराम, दरभंगा, पर्णिया छपरा सिवान आदि आते हैं। आजादी के बाद यहाँ नगरों के विकास में तेजी आयी। राज्य में औद्योगिक विकास स्वास्थ्य, शिक्षा एवं जीवन की मौलिक सुविधाओं के विकास के कारण कई नये नगर भी विकसित हुए। इनमें बरौनी, हाजीपुर, दानापुर, डालमियानगर, मुंगेर, जमालपुर, कटिहार आदि हैं। किन्तु आज के बिहार में नगरों का विकास भारत के बड़े राज्यों की तुलना में बहुत ही कम हुआ है। बिहार भारत के सबसे कम शहरीकृत राज्य है। यहाँ की नगरीय आबादी 2001 की जनगणना के अनुसार मात्र 10.5% है, जबकि भारत की नगरीय आबादी 27.78% है।


10th Class Social Science Subjective Question Answer : बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2023 इतिहास का लघु उत्तरीय प्रश्न और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर नीचे दिया गया है दिए गए लिंक पर क्लिक करके लघु उत्तरीय प्रश्न और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न पढ़ सकते हैं । कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान सब्जेक्टिव क्वेश्चन 2023

Social Science Subjective Question
S.NClass 10th Geography Question 2023
1.भारत : संसाधन एवं उपयोग
2.कृषि
3.निर्माण उद्योग
4.परिवहन , संचार एवं व्यापार
5.बिहार : कृषि एवं वन संसाधन
6.मानचित्र अध्ययन
S.NClass 10th History Question 2023
1.यूरोप में राष्ट्रवाद
2.समाजवाद एवं साम्यवाद
3.हिंद-चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन
4.भारत में राष्ट्रवाद
5.अर्थव्यवस्था और आजीविका
6.शहरीकरण एवं शहरी जीवन
7. व्यापार और भूमंडलीकरण
8.प्रेस- सांस्कृति एवं राष्ट्रवाद
S.NClass 10th Political Science Question 2023
1.लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी
2.सत्ता में साझेदारी की कार्यप्रणाली
3.लोकतंत्र में प्रतिस्पर्धा एवं संघर्ष
4.लोकतंत्र की उपलब्धियां
5.लोकतंत्र की चुनौतियां
S.NClass 10th Economics Question 2023
1.अर्थव्यवस्था एवं इसके विकास का इतिहास
2.राज्य एवं राष्ट्र की आय
3.मुद्रा, बचत एवं साख
4.हमारी वित्तीय संस्थाएं
5.रोजगार एवं सेवाएं
6.वैश्वीकरण
7.उपभोक्ता जागरण एवं संरक्षण
S.NClass 10th Aapda Prabandhan  Question 2023
1.प्राकृतिक आपदा : एक परिचय
2.बाढ़ और सूखा
3.भूकंप एवं सुनामी
4.जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन
5.आपदा काल में वैकल्पिक संचार व्यवस्था
6.आपदा और सह-अस्तित्व

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