सामाजिक विज्ञान (Political Science) :- लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी का सब्जेक्टिव प्रश्न उत्तर ( Loktantra Mein Satta ki Sajhedari Subjective Question Answer) यहां पर दिया गया है। जो क्लास 10th सामाजिक विज्ञान (class 10th Samajik Vigyan Subjective question) मैट्रिक परीक्षा 2024 के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और दोस्तों यहां पर लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी का ऑब्जेक्टिव प्रश्न भी मिल जाएगा तथा आप इस वेबसाइट से सामाजिक विज्ञान का मॉडल पेपर डाउनलोड कर सकते हैं। डाउनलोड करने के लिए आपको नीचे दे दिया गया है।
- Class 10 Social Science All Chapter VVI Guess Question Paper 2024
S.N | Social Science (सामाजिक विज्ञान) 📒 |
1. | History (इतिहास) Guess Paper |
2. | Geography (भूगोल) Guess Paper |
3. | Economics (अर्थ-शास्त्र) Guess Paper |
4. | Political Science (राजनितिक विज्ञानं) Guess Paper |
5. | Disaster Management (आपदा प्रबंधन) Guess Paper |
सामाजिक विज्ञान कक्षा 10 लोकतंत्र में प्रतिस्पर्धा एवं संघर्ष लघु उत्तरीय प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न |
1. सामाजिक अंतर कब और कैसे सामाजिक विभाजनों का रूप ले लेते हैं ?
उत्तर ⇒ जब एक तरह का सामाजिक अंतर अन्य अंतरों से ज्यादा महत्वपूर्ण बन जाता है और लोगों को यह महसूस होने लगता है कि वे दूसरे समुदाय के हैं तो इससे सामाजिक विभाजन की स्थिति पैदा होती है।
2. हर सामाजिक विभिन्नता सामाजिक विभाजन का रूप नहीं लेती। कैसे ?
उत्तर ⇒ विभिन्न समुदायों के विचार भिन्न-भिन्न हो सकते हैं किन्तु उनका हित समान होगा। उदाहरणार्थ, मुम्बई में मराठियों के हिंसा का शिकार व्यक्तियों की जातियाँ भिन्न थीं; धर्म भिन्न होंगे, लिंग भिन्न हो सकता है, किन्तु उनका क्षेत्र एक ही था। वे सभी एक ही क्षेत्र के उत्तर भारतीय थे। उनका हित समान था सभी अपने अपने व्यवसाय में लगे थे। इस कारण सामाजिक विभिन्नता सामाजिक विभाजन का रूप नहीं लेती।
3. सामाजिक विभाजनों की राजनीति के परिणामस्वरूप ही लोकतंत्र के व्यवहार में परिवर्तन होता है। भारतीय लोकतंत्र के संदर्भ में इसे स्पष्ट करें।
उत्तर ⇒ अगर भारत में पिछड़ों एवं दलितों के न्याय की मांग को सरकार शुरू से ही खारिज करती रहती तो आज भारत बिखराव के कगार पर होता लेकिन सरकार उनके सामाजिक न्याय को उचित मानते हुए सत्ता में साझेदारी दी।
कोई भी सामाजिक विभाजन एक हद से ज्यादा उग्र नहीं हो पाता और यह प्रवृत्ति लोकतंत्र को मजबूत करने में सहायक भी होता है। लोग शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीके से अपनी मांग को उठाते हैं और चुनावों के माध्यम से उनके लिए दबाव बनाते हैं और उनका समाधान पाने का प्रयास करते हैं।
4. सामाजिक विभाजनों की राजनीति का परिणाम किन-किन चीजों पर निर्भर करता है ?
उत्तर ⇒ सामाजिक विभाजनों की राजनीति निम्न चीजों पर निर्भर करता है –
(i). लोग अपना पहचान स्वअस्तित्व तक ही सीमित रखना चाहते हैं। भारत विभिन्नताओं का देश है फिर भी सभी लोग सर्वप्रथम अपने को भारतीय मानते हैं।
(ii). दूसरा महत्वपूर्ण तत्व यह है कि किसी समुदाय या क्षेत्र विशेष की माँगों को राजनीतिक दल कैसे उठाते हैं।
(iii). सामाजिक विभाजन की राजनीति का परिणाम सरकार के रूप पर निर्भर करता है।
class 10th Loktantra Mein Satta ki Sajhedari Subjective question answer 2024
5. सत्तर के दशक से आधुनिक दशक के बीच भारतीय लोकतंत्र का सफर (सामाजिक न्याय के संदर्भ में) का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर ⇒ सत्तर की दशक से पूर्व भारत की राजनीति अवचेतना सुविधापरस्त हित समूह के बीच झूलती रही। सत्तर से नब्बे के बीच सवर्ण और मध्यम पिछड़ी जातियों में सत्ता का संघर्ष चलता रहा। वर्तमान दशक के वर्षों में राजनीति का पलड़ा दलितों और महादलितों के पक्ष में झुकता दिखाई पड़ रहा है। सरकार के नीतियों से सभी परिदृश्यों में दलित न्याय की पहचान सबके लिए केन्द्र-बिन्दु का विषय बन गया है।
6. भावी समाज में लोकतंत्र का जिम्मेदारी और उद्देश्य पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर ⇒ लोकतंत्र ऐसी शासन व्यवस्था है, जिसमें लोगों के लिए एवं लोगों के द्वारा ही शासन चलाया जाता है। शासन में लोक प्रतिनिधि लोगों के हित तथा उनकी इच्छा को सर्वोपरि. महत्व देना चाहते हैं। लोकतंत्र सारी सामाजिक विभिन्नताओं, अंतरों और असमानताओं के बीच सामंजस्य बैठाकर उनका वर्तमान समाधान देने की कोशिश करता है।
7. क्यों सिर्फ जाति के आधार पर भारत में चुनावी नतीजे तय नहीं हो सकते ? इसके दो कारण बताएँ ?
उत्तर ⇒ इनके दो कारण निम्नलिखित हैं –
(i). किसी भी निर्वाचन क्षेत्र का गठन इस प्रकार नहीं किया गया है कि उसमें मात्र एक जाति के मतदाता रहे।
(ii). यह भी कहना ठीक नहीं है कि कोई पार्टी-विशेष केवल एक ही जाति का वोट हासिल कर सकता है।
8. भारत में किस तरह जातिगत असमानताएँ हैं ? स्पष्ट करें।
उत्तर ⇒ विश्व में सभी सामाजिक असमानताएँ और श्रम विभाजन पर आधारित समुदाय विद्यमान है। भारत इससे अछुता नहीं है। भारत में भी पेशा का आधार वंशानुगत है। पेशे पर आधारित सामुदायिक व्यवस्था ही जाति कहलाती है। उनकी पहचान एक अलग समुदाय के रूप में होता है और उनके बेटे-बेटियाँ की शादी भी आपस के समुदाय में ही होता है तथा खान-पान भी समान समुदाय में होता है।
सामाजिक विज्ञान (राजनितिक शास्त्र) पाठ – 1 सत्ता में साझेदारी की कार्यप्रणाली SUBJECTIVE QUESTION
9. किन्हीं दो प्रावधानों का जिक्र. करें जो भारत को धम निरपेक्ष देश बनाता है।
उत्तर ⇒ हमारे संविधान में धर्म निरपेक्ष समाज की स्थापना हा निम्नलिखित प्रावधान किए गए हैं –
(i). भारत में किसी भी धर्म को राजकीय धर्म के रूप में स्वीकार नहीं किया गया है। श्रीलंका में बौद्ध धर्म, पाकिस्तान में इस्लाम और ब्रिटेन में ईसाई धर्म को राजकीय धर्म का दर्जा दिया गया है किन्तु भारत का संविधान किसी धर्म को विशेष दर्जा नहीं देता है।
(ii). संविधान में हर नागरिक को यह स्वतंत्रता दी गई है कि अपने विश्वास से वह किसी भी धर्म को स्वीकार कर सकता है। इस आधार पर उसे किसी अवसर से वंचित नहीं किया जा सकता है।
10. भारत की विधायिकाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की स्थिति क्या है ?
उत्तर ⇒ भारत के लोकसभा में महिला प्रतिनिधियों की संख्या 59 हो गई है। फिर भी 11 प्रतिशत के नीचे ही है। विकसित देशों की विधायिका में भी महिला प्रतिनिधियों की संख्या संतोषजनक नहीं है। ग्रेट ब्रिटेन में 19.3 प्रतिशत महिला प्रतिनिधि हैं तो संयुक्त राज्य अमेरिका में इनका प्रतिशत 16.3 है। फ्रांस जैसे विकसित देशों में महिला प्रतिनिधियों का प्रतिशत 13.9 है। भारत में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए संसद में एक तिहाई सीट रिजर्व करने हेतु प्रयास जारी है। महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न |
1. विभिन्न तरह की सांप्रदायिक राजनीति का ब्योरा दें और सबके साथ एक-एक उदाहरण दें।
उत्तर ⇒ जब हम इस तथ्य को स्वीकार करते हैं कि धर्म ही समुदाय का निर्माण करती है तो साम्प्रदायिक राजनीति जन्म लेने लगती है और इस अवधारणा पर आधारित सोच ही साम्प्रदायिकता है।
(i). सांप्रदायिकता की सोच प्रायः अपने धार्मिक समुदाय को प्रमुख राजनीति में बरकरार रखना चाहता है। जो लोग बहुसंख्यक समुदाय के होते हैं उनकी यह कोशिश बहु-संख्यवाद का रूप ले लेती है। उदाहरणार्थ श्रीलंका में सिंहलियों का बहुसंख्यवाद । यहाँ लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार ने भी सिंहली समुदाय की प्रभुता कायम करने के लिए अपने बहुसंख्यक परस्ती के तहत कई कदम उठाए । तथा 1956 ई० में सिंहली को एक मात्र राजभाषा के रूप में घोषित करना, विश्वविद्यालय और सरकारी नौकरियों में सिंहलियों को प्राथमिकता देना आदि।
(ii). सांप्रदायिकता के आधार पर राजनीतिक गोलबंदी सांप्रदायिकता का दूसरा रूप है। इस हेतु पवित्र प्रतीकों, धर्म गुरूओं और भावनात्मक अपील आदि का सहारा लिया जाता है।
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(iii). और अंत में सांप्रदायिकता का भयावह रूप तब देखते हैं, जब सम्प्रदाय के आधार पर हिंसा, दंगा और नरसंहार होता है। विभाजन के समय हमने इस त्रासदी को झेला है। आजादी के बाद भी कई जगहों पर बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा हुई है।
कक्षा 10 लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी का सब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर
2. जीवन के विभिन्न पहलुओं का जिक्र करें जिसमें भारत में स्त्रियों के साथ भेदभाव है या वे कमजोर स्थिति में है।
उत्तर ⇒ लैंगिक विभेद पर आधारित सामाजिक विभाजन सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र दोनों में स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ता है। लड़के और लड़कियों के पालन पोषण के क्रम में ही परिवार में यह भावना घर कर जाती है कि भविष्य में लड़कियों की मुख्य जिम्मेदारी गृहस्थी चलाने और बच्चों की पालन-पोषण तक ही सीमित होती है। हमारा समाज अभी भी पितृ प्रधान है। औरतों के साथ आज भी कई तरह के भेदभाव होते हैं। इस बात का संकेत निम्नांकित तथ्यों से मिलता है:
(i). महिलाओं में साक्षरता की दर अब भी मात्र 54 प्रतिशत है जबकि पुरूषों में 76 प्रतिशत । यद्यपि स्कूली शिक्षा में कई जगह लड़कियाँ अव्वल रही हैं, फिर भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली लड़कियों का प्रतिशत बहुत ही कम है।
(ii) शिक्षा में लड़कियों के इसी पिछड़ेपन के कारण अब भी ऊँचे तनख्वाह वाले और ऊँचे पदों पर पहुँचने वाली महिलाओं की संख्या बहुत ही कम है।
(iii). एक सर्वेक्षण के अनुसार एक औरत औसतन रोजाना साढ़े सात घंटे से ज्यादा काम करती है जबकि एक मर्द औसतन रोज छः घंटे ही काम करता है। फिर भी पुरूषों द्वारा किया गया काम ही ज्यादा दिखाई पड़ता है, क्योंकि उससे आमदनी होती है।
(iv).लड़के की चाह में लड़की को जन्म लेने से पहले हत्या कर देने की प्रवृत्ति इसी मानसिकता का परिणाम है।
10th Class Social Science Subjective Question Answer : बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2024 इतिहास का लघु उत्तरीय प्रश्न और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर नीचे दिया गया है दिए गए लिंक पर क्लिक करके लघु उत्तरीय प्रश्न और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न पढ़ सकते हैं । कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान सब्जेक्टिव क्वेश्चन 2024