सामाजिक विज्ञान (Political Science) :- लोकतंत्र में प्रतिस्पर्धा एवं संघर्ष का सब्जेक्टिव प्रश्न उत्तर (Loktantra me Pratispardha evam Sangharsh Subjective Question Answer) यहां पर दिया गया है। जो क्लास 10th सामाजिक विज्ञान (class 10th Samajik Vigyan Subjective question) मैट्रिक परीक्षा 2024 के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और दोस्तों यहां पर लोकतंत्र में प्रतिस्पर्धा एवं संघर्ष का ऑब्जेक्टिव प्रश्न भी मिल जाएगा तथा आप इस वेबसाइट से सामाजिक विज्ञान का मॉडल पेपर डाउनलोड कर सकते हैं। डाउनलोड करने के लिए आपको नीचे दे दिया गया है।
- Class 10 Social Science All Chapter VVI Guess Question Paper 2024
S.N | Social Science (सामाजिक विज्ञान) 📒 |
1. | History (इतिहास) Guess Paper |
2. | Geography (भूगोल) Guess Paper |
3. | Economics (अर्थ-शास्त्र) Guess Paper |
4. | Political Science (राजनितिक विज्ञानं) Guess Paper |
5. | Disaster Management (आपदा प्रबंधन) Guess Paper |
BSEB Class 10th सामाजिक विज्ञान (अर्थशास्त्र ) अर्थव्यवस्था एवं विकास का इतिहास Subjective Question 2024
लघु उत्तरीय प्रश्न |
1. चिपको आंदोलन के मुख्य उद्देश्य क्या थे ?
उत्तर ⇒ चिपको आंदोलन के मुख्य उद्देश्य यह था कि जल, जंगल और जमीन जैसे प्राकृतिक संसाधानों पर स्थानीय लोगों का कारगर नियंत्रण हो। साथ ही सरकार द्वारा लघु उद्योगों के विकास हेतु कम कीमत की वस्तु उपलब्ध करायी जाय एवं उन्हें न्यूनतम मजदूरी की गारंटी दी जाय।
2. बिहार में हुए ‘छात्र आंदोलन’ के प्रमुख कारण क्या थे ?
उत्तर ⇒ 1972-73 में मानसून की असफलता के कारण पूरे देश में कृषि की पैदावार में कमी आयी। मार्च 1974 में बिहार में बेरोजगारी एवं भ्रष्टाचार एवं खाद्यान्न की कीमतों में काफी वृद्धि के चलते बिहार के छात्रों ने सरकार के विरूद्ध आंदोलन छेड़ दिया। इस आंदोलन की अगुआई जय प्रकाश नारायण ने किया।
3. सूचना के अधिकार’ आंदोलन के मख्य उद्देश्य क्या थे ?
उत्तर ⇒ सूचना के अधिकार आंदोलन की शुरूआत 1990 ई० में राजस्थान के तहसील गाँव से हुई। इसके अंतर्गत ग्रामीणों ने प्रशासन से अपने वेतन एवं भुगतान के बिल उपलब्ध कराने को कहा। उसे लग रहा था कि उन्हें मिलने वाली मजदूरी में घपला हो रहा है।
4. राजनीतिक दल की परिभाषा दें।
उत्तर ⇒ राजनीतिक दल का आशय ऐसे व्यक्तियों के समूह से है जो एक समान उद्देश्य की प्राप्ति के लिए कार्य करता है। किसी भी राजनीतिक दल में व्यक्ति एक समान उद्देश्य की प्राप्ति के लिए एक जुट होते हैं, जैसे-मतदान करना, चुनाव लड़ना, नीतियों एवं कार्यक्रम तय करना इत्यादि।
5. स्वतंत्र राजनीतिक संगठन कौन होता है ?
उत्तर ⇒ भारतीय समाज के विभिन्न समूहों के बीच उनके साथ हो रहे अन्याय के चलते भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था से उनका असंतोष बढ़ता गया। इसके चलते देश के अंतर्गत राजनीतिक संगठन का उदय हुआ। ऐसे संगठन दलगत राजनीति से अलग होकर अपने आंदोलन को और व्यापक करने के लिए अवाम को लामबंद करते हैं।
6. भारतीय किसान यूनियन की मुख्य माँगे क्या थी ?
उत्तर ⇒ भारतीय किसान यूनियन ने गेंहूँ और गन्ने के सरकारी खरीद मूल्य में बढ़ोतरी करने, कृषि संबंधित उत्पादों से पाबंदी समाप्त करने, कम कीमत पर बिजली आपूर्ति करने, किसानों के बकाये कर्ज माफ करने तथा किसानों को पेंशन योजना का लाभ मिलने इत्यादि की माँगे की।
Class 10th Social science Political Science Subjective Question Bihar Board Matric Exam 2024
7. दलबदल कानून क्या है ?
उत्तर ⇒ विधायकों और सांसदों को दल-बदल से रोकने के लिए संविधान में संशोधन कर कानून बनाया गया है। इसके अंतर्गत दी गई शर्तों को पूरी नहीं करने की स्थिति में सदस्यों को असम्बद्ध घोषित कर दिया जाता है।
8. राष्ट्रीय राजनीतिक दल किसे कहते हैं ?
उत्तर ⇒ भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में राजनीतिक दलों के दो स्वरूप देखने को मिलते हैं-एक राष्ट्रीय और दूसरा क्षेत्रीय । वैसे राजनीतिक दल जिनका अस्तित्व पूरे देश में होता है, राष्ट्रीय राजनीतिक दल कहलाते हैं। इनके कार्यक्रम एवं नीतियाँ राष्ट्रीय स्तर के होते हैं। इनकी इकाइयाँ राज्यों में भी होती है।
9. किस आधार पर आप कह सकते हैं कि राजनीतिक दल जनता एवं सरकार के बीच कड़ी का काम करता है ?
उत्तर ⇒ राजनीतिक दलों का एक प्रमुख कार्य जनता एवं सरकार के बीच मध्यस्थता करना है। राजनीतिक दल ही जनता की समस्याओं और आवश्यकताओं को सरकार के सामने रखते हैं साथ ही सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों को जनता तक पहुँचाते हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि राजनीतिक दल सरकार एवं जनता के बीच कड़ी का काम करता है।
10. ‘दलित पैंथर्स’ पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर ⇒ ‘दलित पैंथर्स’ महाराष्ट्र के दलितों की सामाजिक-आर्थिक बदलावों से संबंधित है। दलितों ने लम्बे अरसे तक भारतीय समाज में जातिगत अन्याय को भुगता है। इसी दौरान महाराष्ट्र में दलित के हितों के लिए 1972 ई० में दलित युवाओं का एक संगठन बना जिसे दलित पैंथर्स के नाम से जाना जाता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न |
1. किस आधार पर आप कह सकते हैं कि बिहार से शुरू हुआ ‘छात्र आंदोलन’ का स्वरूप राष्ट्रीय हो गया।
उत्तर ⇒ जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में बिहार में छात्र आंदोलन हुआ। उन्होंने इस आंदोलन का लक्ष्य अहिंसक एवं राष्ट्रीय रखा जिसे छात्रों ने स्वीकार किया। जय प्रकाश के निवेदन पर जीवन के हर क्षेत्र से संबंधित लोग इस आंदोलन में कूद पड़े। जय प्रकाश नारायण ने बिहार के काँग्रेसी सरकार को बर्खास्त करने की माँग कर सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में सम्पूर्ण क्रांति का आहवान किया, जिसका उद्देश्य भारत में सच्चे लोकतंत्र की स्थापना करना था।
1975 में दिल्ली में आयोजित संसद मार्च का नेतृत्व जय प्रकाश नारायण ने किया। दिल्ली में अब तक इतनी बड़ी रैली का आयोजन नहीं हुआ था। यह आंदोलन राष्ट्रीय स्तर पर काँग्रेस विरोधी आंदोलन के रूप में प्रचलित हुआ। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि बिहार का छात्र आंदोलन का स्वरूप राष्ट्रीय था।
सामाजिक विज्ञान (राजनितिक शास्त्र) पाठ – 3 सत्ता में साझेदारी की कार्यप्रणाली SUBJECTIVE QUESTION
2. राजनीतिक दलों को ‘लोकतंत्र का प्राण’ क्यों कहा जाता है।
उत्तर ⇒ राजनीतिक दल लोकतंत्र में काफी महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। जनता की समस्याओं के समाधान में इसका महत्वपूर्ण भूमिका होता है। लोकतांत्रिक देश में हजारों लोग अपने विचार व्यक्त करते हैं परन्तु इन विचारों का महत्व तब होता है जब इन्हें किसी दल से जोड़ा जाय। यह कार्य राजनीतिक दल बखूबी करते हैं। इसके अतिरिक्त लोकतंत्र में राजनीतिक दल की आवश्यकता इसलिए भी है कि यदि दल नहीं होता तो सभी उम्मीदवार निर्दलीय होते। उम्मीदवार अपनी नीतियाँ राष्ट्रहित में न बनाकर उस क्षेत्र विशेष के लिए बनाएँगे जिस क्षेत्र से वे चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसी स्थिति में देश की एकता और अखंडता खतरे में पड़ जाएगी इन समस्याओं से बचने के लिए राजनीतिक दल का होना अनिवार्य है। अतः राजनीतिक दल को लोकतंत्र का प्राण कहा जाता है।
3. “जनसंघर्ष से भी लोकतंत्र मजबूत होता है। क्या आप इस कथन से सहमत हैं ? अपने पक्ष में उत्तर दें।
उत्तर ⇒ पूरे विश्व में लोकतंत्र का विकास प्रतिपस्पर्धा और जनसंघर्ष के चलते हुआ है। जब सत्ताधारी और सत्ता में हिस्सेदारी चाहने वालों के बीच संघर्ष होता है तब वह लोकतंत्र की निर्णायक घड़ी कहलाती है। लोकतांत्रिक संघर्ष का समाधान जनता की व्यापक लामबंदी के सहारे संभव है। कभी-कभी भले ऐसे संघर्ष का समाधान मौजूद संस्थाओं जैसे संसद या न्यायपालिका के माध्यम से हो जाता है, लेकिन जब सत्ताधारी अर्थात व्यवस्था में भागीदारी चाहनेवालों के बीच विचार ज्यादा गहरा हो जाता है तथा संसद एवं न्यायपालिका जैसी संस्थाएँ स्वयं विवाद का भाग बन जाती है तब परिणामस्वरूप संघर्ष का समाधान जनता द्वारा होता है। जनसंघर्ष में जनता की भागीदारी भले ही स्वतः स्फूर्त हो लेकिन सार्वजनिक भागीदारी संगठित राजनीति के द्वारा ही संभव है राजनीतिक दल, दबाव समूह और आंदोलनकारी समूह संगठित राजनीति के सकारात्मक माध्यम है।
4. निम्नलिखित वक्तव्यों को पढ़ें और अपने पक्ष में उत्तर दें –
(क). क्षेत्रीय भावना लोकतंत्र को मजबूत करती है।
(ख). दबाव समूह स्वार्थी तत्वों का समूह है। इसलिए इसे ‘समाप्त कर देना चाहिए। ।
(ग). जनसंघर्ष लोकतंत्र का विरोधी है।
(घ). भारत में लोकतंत्र के लिए हुए आंदोलनों में महिलाओं की भूमिका नगण्य है।
उत्तर ⇒
(क). लोकतांत्रिक राजनीति में देश के विभिन्न राजनीतिक दल और समूह क्षेत्रीय पहचान, आकांक्षा या किसी विशेष क्षेत्रीय समस्याओं के द्वारा सरकार पर दबाव डालती है। जम्मू कश्मीर के लोगों की आकांक्षाएँ, नागालैण्ड और मिजोरम जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में भारत से अलग होने संबंधी आंदोलन हुए। इसी प्रकार पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, झारखण्ड एवं उत्तराखण्ड का गठन हुआ।
Join For Latest Government Job & Latest News
(ख). दबाव समूह कुछ हद तक व्यक्तिगत स्वार्थों से प्रेरित होकर अपने हित में माँगों को पूरा करवाने हेतु किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं। सरकार मजबूरन दबाव में आकर उनकी माँगों को पूरा करने के लिए विवश हो जाती है, जिससे राष्ट्रीय हितों को धक्का लगती है। अतः इसे समाप्त कर देना चाहिए।
(ग). जनसंघर्ष कभी-कभी देश की विकासात्मक कार्यों में बाधा डालती है। जनसंघर्ष के द्वारा आम नागरिकों का जीवन कष्टमय हो जाता है। कभी-कभी जनसंघर्ष हिंसात्मक हो जाता है, जिससे जान-माल की क्षति होती है। अतः हम कह सकते हैं कि जन संघर्ष लोकतंत्र का विरोधी है।
(घ). महिलाओं में अशिक्षा व राजनीतिक इच्छा-शक्ति की कमी के कारण राष्ट्रीय आंदोलन में इनकी भूमिका नगण्य रही है। भारतीय समाज में पुरूषों की यह मानसिकता कि महिलाएँ सिर्फ घरेलू कार्य, यथा-खाना बनाना, कपड़े की सफाई बच्चों की परवरिश इत्यादि तक ही सिमित है। महिलाओं में असुरक्षा की भावना के कारण राष्ट्रीय आंदोलन में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल सका।
Samajik Vigyan class 10th Loktantra me Pratispardha evam Sangharsh subjective question answer 2024
5. राजनीतिक दलों के प्रमुख कार्य बताएँ।
उत्तर ⇒ राजनीतिक दलों के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं –
(i). नीतियाँ एवं कार्यक्रम तय करना : राजनीतिक दल जनता का समर्थन प्राप्त करने के लिए नीतियाँ एवं कार्यक्रम तैयार करते हैं, जिसके आधार पर वे चुनाव लड़ते हैं।
(ii). शासन का संचालन : राजनीतिक दल चुनाव में स्पष्ट बहुमत प्राप्त कर सरकार का निर्माण करते हैं।
(iii). चुनावों का संचालन : राजनीतिक दल अपने योग्य उम्मीदवारों को खड़ा करके चुनाव जीतने का हर सम्भव प्रयास करते हैं।
(iv). लोकमत का निर्माण : राजनीतिक दल मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए जनसंख्याएँ, रैलियों, समाचार-पत्रों, टेलीविजन इत्यादि का सहारा लेते हैं। सरकार एवं जनता के बीच मध्यस्थ का कार्यः राजनीतिक दल का एक प्रमुख कार्य जनता और सरकार के बीच मध्यस्थता करना है।
(v). राजनीतिक प्रशिक्षण : राजनीतिक दल चुनाव के समय अपने समर्थकों को राजनीतिक कार्य जैसे- मतदान करना, चुनाव लड़ना, समर्थन करना आदि बताते हैं।
6. राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों की मान्यता कौन प्रदान करते हैं ? और इसके मापदंड क्या हैं ?
उत्तर ⇒ राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों की मान्यता का निर्धारण निर्वाचन आयोग करता है। राष्ट्रीय राजनीतिक दल की मान्यता प्राप्त करने के लिए राजनीतिक दलों को लोकसभा या विधानसभा के चुनावों में 4 या अधिक राज्यों द्वारा कुल डाले गए वैध मतों का 6 प्रतिशत प्राप्त करने के साथ किसी राज्य से लोकसभा में कम से कम 4 सीटों पर विजय होना आवश्यक है या लोकसभा में कम से कम 2 प्रतिशत सीटें अर्थात 11 सीटें जीतना आवश्यक है जो कम-से-कम तीन राज्यों से होनी चाहिए। इसी तरह राज्य स्तरीय राजनीतिक दल की मान्यता प्राप्त करने के लिए उस दल को लोकसभा या विधानसभा के चुनावों में डाले गए वैध मतों का कम से कम 6 प्रतिशत मत प्राप्त करने के साथ-साथ राज्य विधानसभा की कम-से-कम 3 प्रतिशत सीटें या 3 सीटें जीतना आवश्यक है।
7.राजनीतिक दल राष्ट्रीय विकास में किस प्रकार योगदान करते हैं ?
उत्तर ⇒ राष्ट्रीय विकास के लिए जनता को जागरूक, समाज एवं राज्य में एकता एवं राजनीतिक स्थायित्व का होना आवश्यक है। इन सभी कार्यों में राजनीतिक दल अहम भूमिका निभाते हैं।
राष्ट्रीय विकास के लिए राज्य एवं समाज में एकता स्थापित होना आवश्यक है। राजनीतिक दल विभिन्न जातियों, धर्मों, वगों एवं लिंग के सदस्य होते हैं एवं अपनी समूदायों का नेतृत्व करते हैं। ये प्रतिनिधि किसी प्रकार के विवाद उत्पन्न होने पर तत्काल समाधान कर लेते हैं, जिससे राज्य में एकता कायम रहती है। राष्ट्रीय विकास
की एक प्रमुख शर्त राजनीतिक स्थायित्व भी है। राष्ट्रीय विकास के लिए यह भी आवश्यक है कि शासन के निर्णय में सबकी सहमती और सभी लोगों की भागीदारी हो। संकट के समय राजनीतिक दल रचनात्मक कार्य भी करते हैं जैसे प्राकृतिक आपदा के दौरान राहत का कार्य आदि। राष्ट्रीय विकास के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की नीतियाँ एवं कार्यक्रम चलाये जाते हैं।
10th Class Social Science Subjective Question Answer : बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2024 इतिहास का लघु उत्तरीय प्रश्न और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर नीचे दिया गया है दिए गए लिंक पर क्लिक करके लघु उत्तरीय प्रश्न और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न पढ़ सकते हैं । कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान सब्जेक्टिव क्वेश्चन 2024