Social Science Class 10th Question Answer :- अर्थव्यवस्था और आजीविका ( Arthavyavastha Aur Ajivika) Subjective Question दोस्तों यहां पर मैट्रिक परीक्षा 2023 सामाजिक विज्ञान सोशल साइंस क्लास 10th का इतिहास का सब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर दिया गया है एवं इसमें अर्थव्यवस्था और आजीविका का लघु उत्तरीय प्रश्न तथा अर्थव्यवस्था और आजीविका का दीर्घ उत्तरीय प्रश्न दिया गया है तो इसे आप लोग शुरू से लेकर अंत तक एक बार अवश्य पढ़ें और इस वेबसाइट पर आपको अर्थव्यवस्था और आजीविका का ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर भी मिल जाएगा।
अर्थव्यवस्था और आजीविका ( Arthavyavastha Aur Ajivika) Subjective Question Answer 2023
लघु उत्तरीय प्रश्न |
1. औद्योगीकरण से आप क्या रमझते हैं ?
उत्तर ⇒ औद्योगीकरण ऐसी प्रक्रिया है जिसमें वस्तुओं का उत्पादन मानव श्रम के द्वारा न हो कर मशीनों के द्वारा होता है। इसमें उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है और जिसकी खपत के लिए बड़े बाजार की आवश्यकता होती है। नए-नए मशीनों का आविष्कार एवं तकनीकी विकास पर औद्योगीकरण निर्भर करता है। मशीन के अलावा इसमें पूँजी निवेश एवं श्रम का भी महत्वपर्ण स्थान है।
2. न्यूनतम मजदूरी कानून कब पारित हुआ और इसके क्या उद्देश्य थे ?
उत्तर ⇒ न्यूनतम मजदूरी कानून 1948 ई० में पारित हुआ। इसका उद्देश्य कुछ उद्योगों में मजदूरों की दरें निश्चित करना था। न्यूनतम मजदूरी के संदर्भ में कहा गया कि मजदूरों की न्यनतम मजदरी ऐसी होनी चाहिए जिससे मजदर केवल अपना ही गुजारा नहीं कर सके बल्कि इससे कुछ और अधिक हो ताकि वह अपनी कुशलता को भी बनाये रख सकें।
3. कोयला एवं लौह उद्योग ने औद्योगीकरण को गति प्रदान की, कैसे ?
उत्तर ⇒ उद्योग की प्रगति कोयले एवं लोहे के उद्योग पर बहुत अधिक निर्भर करती है। लोहे से नए-नए यंत्रों का निर्माण होता है और कोयले से ऊर्जा पैदा की जाती है, जिससे ये यंत्र चलाए जाते हैं। अतः नए उद्योगों के निर्माण की प्रक्रिया में कोयला एवं लौह उद्योग गति प्रदान करते हैं।
4. औद्योगीकरण ने मजदूरों की आजीविका को किस तरह प्रभावित किया ?
उत्तर ⇒ औद्योगीकरण ने नई फैक्ट्री प्रणाली को जन्म दिया जिससे गृह उद्योग के मालिक अब मजदूर बन गए जिनकी आजीविका बड़े-बड़े उद्योगपतियों द्वारा प्राप्त वेतन पर निर्भर करता था। औरतों और बच्चे से भी 16 से 18 घंटे काम लिये जाते थे। उनके पास दैनिक उपयोग के पदार्थों को खरीदने के लिए धन नहीं रहा।
Arthavyavastha Aur Ajivika Subjective question answer 2023
5. स्लम पद्धति की शुरूआत कैसे हुई ?
उत्तर ⇒ औद्योगीकरण ने स्लम पद्धति की शुरूआत की। मजदूर शहरों में छोटे-छोटे घरों में जहाँ किसी तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं थे रहने को मजबूर थे आगे चलकर उत्पादन के उचित वितरण के लिए आन्दोलन शुरू किए। चूंकि पूँजीपति द्वारा उनका बुरी तरह शोषण किया जाता था। इसलिए उन्होंने अपना संगठन बनाकर पूँजीपतियों के खिलाफ वर्ग संघर्ष की शुरूआत की।
6. बुर्जुआ वर्ग की उत्पत्ति कैसे हु ?
उत्तर ⇒ औद्योगिकरण के फलस्वरूप समाज में तीन वर्ग का उदय हुआ। पूँजीपत वर्ग, बुर्जुआ वर्ग (मध्य वर्ग) एवं मजदूर वर्ग। आगे चलकर यही बुर्जुआवर्ग ने भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन में अंग्रेजों की औपनिवेशिक एवं शोषण की नीति के खिलाफ सक्रिय भूमिका निभाया।
7. औद्योगिक आयोग की नियुक्ति कब हुई? इसके क्या उद्देश्य थे ?
उत्तर ⇒ सन् 1916 ई० में सरकार ने औद्योगिक आयोग की नियुक्ति की । इसका मुख्य उद्देश्य यह था कि वह भारतीय उद्योग तथा व्यापार के भारतीय वित्त से संबंधित प्रयत्नों के लिए उन क्षेत्रों का पता लगाए जिसे सरकार सहायता दे सके।
अर्थव्यवस्था और आजीविका class 10th question answer in hindi
8. निरूद्योगीकरण से आपका क्या तात्पर्य है ?
उत्तर ⇒ एक तरफ जहाँ मशीनों के आविष्कार ने उद्योग एव उत्पादन में वृद्धि कर औद्योगीकरण की प्रक्रिया की शुरूआत की थी वहीं भारत में कुटीर उद्योग बंद होने के कगार पर पहुँच गया था। भारतीय इतिहासकारों ने भारत के उद्योग के लिए इसे निरूद्योगीकरण की संज्ञा दी।
9. बाडाबंदी प्रथा से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर ⇒ 18वीं शताब्दी के अंतिम वर्षों में ब्रिटेन में बाड़ाबंदी प्रथा की शुरूआत हुई, जिसमें जमीदारों ने छोटे-छोटे खेतों को खरीदकर बड़े-बड़े फार्म स्थापित कर लिए। अपनी जमीन बेच देने वाले छोटे किसान भूमिहीन मजदूर बन गए।
10. भारत के औद्योगीकरण में जमशेदजी टाटा के योगदान का वर्णन करें ?
उत्तर ⇒ 1907 ई० में जमशेदजी टाटा ने बिहार के साकची नामक स्थान पर टाटा आइरन एण्ड स्टील कंपनी (TISCO) की स्थापना की। वे एक ऐसे भारतीय थे जिनमें उद्योग की काफी सूझ-बूझ थी और 1910 ई० में उन्होंने टाटा हाइड्रो इलेक्ट्रिक पॉवर स्टेशन की स्थापना की।
अर्थव्यवस्था और आजीविका दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न |
1. औद्योगीकरण के कारणों का उल्लेख करें।
उत्तर ⇒ औद्योगीकरण के निम्नलिखित कारण थे –
(i).आवश्यकता आविष्कार की जननी है।
(ii). नए-नए मशीनों का आविष्कार ।
(iii). कोयले एवं लौह की प्रचुरता ।
(iv). फैक्ट्री प्रणाली की शुरूआत।
(v). सस्ते श्रम की उपलब्धता यातायात की सुविधा।
(vi). विशाल औपनिवेशिक स्थिति।
(vii). ब्रिटेन में स्वतंत्र व्यापार और अहस्तक्षेप की नीति ने ब्रिटिश व्यापार को बहुत अधिक विकसित किया । उत्पादित वस्तुओं की माँग बढ़ने लगी। 18वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में ब्रिटेन में नए-नए यंत्रों एवं मशीनों के आविष्कार ने उद्योग जगत में ऐसा क्रांति का सूत्रपात किया जिससे औद्योगीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ। औद्योगीकरण में ब्रिटेन के सस्ते श्रम की आवश्यकता की भूमिका भी अग्रणी है। फैक्ट्री में उत्पादित वस्तुओं को एक जगह से दूसरे जगह पर ले जाने तथा कच्चा माल को फैक्ट्री तक लाने के लिए ब्रिटेन में यातायात की अच्छी सुविधा उपलब्ध थी, जिसके कारण औद्योगीकरण को बढ़ावा मिला।
2. औद्योगीकरण के परिणामस्वरूप होने वाले परिवर्तनों पर प्रकाश डालें।
उत्तर ⇒ औद्योगीकरण के परिणाम
(i). नगरों का विकास
(ii). कुटीर उद्योग का पतन
(iii). साम्राज्यवाद का विकास
(iv). समाज में वर्ग विभाजन एवं बुर्जुआ वर्ग का उदय
(v). फैक्ट्री मजदूर वर्ग का जन्म
(vi). स्लम पद्धति की शुरूआत
1850 से 1950 ई० के बीच भारत में वस्त्र उद्योग, लौह उद्योग, कोयला, उद्योग जैसे कई उद्योगों का विकास हुआ। जमशेदपुर, सिन्द्री तथा डालमियानगर आदि नए व्यापारिक नगर तत्कालिक बिहार राज्य में कायम हुए। बड़ी-बड़ी फैकट्रियाँ के कायम हो जाने पर प्राचीन गृह उद्योग का पतन आरंभ हो गया। औद्योगीकरण के परिणामस्वरूप इंग्लैण्ड में हाथ के करघे से काम करने वाले पुराने बुनकरों की तबाही के साथ-साथ नए मशीनों का आविष्कार हुआ था। बड़े पैमाने पर उत्पादन होने लगा जो आगे चलकर साम्राज्यवाद का रूप ले लिया। औद्योगीकरण ने एक नए तरह के मजदूर वर्ग को जन्म दिया। 1850 ई० से पूर्व चाय, कॉफी और रबर आदि के बगानों में काम करने वाले मजदूर की तुलना में फैक्ट्री मजदूर की स्थिति काफी निम्न थी। फैक्ट्री मजदूर का उद्योगपतियों के द्वारा काफी शोषण हो रहा था।
3. कुटीर उद्योग के महत्व एवं उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डालें।
उत्तर ⇒ यद्यपि औद्योगिकरण की प्रक्रिया ने भारत के कुटीर उद्योग को काफी क्षति पहुँचाई, मजदूरों की आजीविका को प्रभावित किया, किन्तु इस विषय एवं विपरीत परिस्थितियों में भी गाँव एवं कस्बों में यह उद्योग पुष्पित एवं पल्लवित होता रहा तथा जन सामान्य को लाभ पहुँचाता रहा। महात्मा गाँधी ने कहा था कि लघु एवं कुटीर उद्योग भारतीय सामाजिक दशा के अनुकूल है। राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में इनका महत्वपूर्ण योगदान है। कुटीर उद्योग उपभोक्ता वस्तुओं, अत्यधिक संख्या को रोजगार तथा राष्ट्रीय आय का समान वितरण सुनिश्चित करते हैं। यह सामाजिक, आर्थिक प्रगति व संतुलन क्षेत्रवार विकास के लिए एक शक्तिशाली औजार है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इन उद्योगों की प्रगति बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर को बढ़ाती है, कौशल में वृद्धि, उद्यमिता में वद्धि तथा उपयुक्त तकनीक का बेहतर प्रयोग सुनिश्चित करती है।
इसमें पूँजी की कम आवश्यकता होती है। कुटीर उद्योग औद्योगिक संकेन्द्रण को रोकती है तथा जनसंख्या के शहरों की ओर पलायन को भी कम करती है।
BSEB Class 10th सामाजिक विज्ञान ( इतिहास) अर्थव्यवस्था और आजीविका Subjective Question 2023
4. औद्योगीकरण ने सिर्फ आर्थिक ढाँचे को ही प्रभावित नहीं किया बल्कि राजनैतिक परिवर्तन का भी मार्ग प्रशस्त किया कैसे ?
उत्तर ⇒ 19वीं शताब्दी में ब्रिटेन की औद्योगिक नीति ने जिस तरह औपनिवेशिक शोषण के शुरूआत की भारत में राष्ट्रवाद की नींव उसका प्रतिफल था। यही कारण था कि जब महात्मा गाँधी ने असहयोग आन्दोलन की शुरूआत की तो राष्ट्रवादियों के साथ अहमदाबाद और खेड़ा मिल के मजदूरों ने उनका साथ दिया। महात्मा गाँधी ने विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार एवं स्वदेशी को अपनाने पर बल डालते हुए कुटीर उद्योग को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया तथा उपनिवेशवाद के खिलाफ इसका प्रयोग किया। परे भारत के मिलों में काम करने वालों मजदूरों ने भारत छोडो आन्दोलन में उनका साथ दिया। अत: औद्योगीकरण ने जिसकी शुरूआत एक आर्थिक प्रक्रिया के तहत हुई थी उसने न केवल आर्थिक ढाँचे को प्रभावित किया बल्कि राजनीतिक परिवर्तन का भी मार्ग प्रशस्त किया। 1950 ई० के बाद सम्पर्ण विश्व में अग्रणी औद्योगिक शक्ति समझे जाने वाला ब्रिटेन अपने स्थान से वंचित हो गया और अमेरिका एवं जर्मनी जैसे देश औद्योगिक विकास की दृष्टि से ब्रिटेन से काफी आगे निकल गए।
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5. उपनिवेशवाद से आप क्या समझते हैं? औद्योगीकरण ने उपनिवेशवाद को जन्म दिया कैसे ?
उत्तर ⇒ मशीनों के आविष्कार तथा फैक्ट्रियों की स्थापना से उत्पादन में काफी वृद्धि हुई। उत्पादित वस्तुओं की खफत के लिए ब्रिटेन तथा आगे चलकर यूरोप के अन्य देशों को जहाँ कारखानों की स्थापना हो चुकी थी, बाजार की आवश्यकता पड़ी। इससे उपनिवेशवाद को बढ़ावा मिला। इसी क्रम में भारत ब्रिटेन के एक विशाल उपनिवेश के रूप में उभरा। संसाधन की प्रचुरता ने उन्हें भारत की तरफ व्यापार करने के लिए आकर्षित किया। भारत सिर्फ प्राकृतिक एवं कृ त्रिम संसाधनों में ही सम्पन्न नहीं था, बल्कि यह उनका एक वृहत बाजार भी साबित हुआ। सन् 1850 ई. के बाद ब्रिटिश सरकार ने अपने उद्योगों को विकसित करने के लिए अनेक ऐसे कदम उठाए, जिनकी वजह से इस अवधि में एक के बाद एक देशी उद्योग लगातार खत्म होने लगे। भारत में रहने वाले अंग्रेजों को विशेष सुविधाएँ प्रदान की गयीं तथा यहाँ आयात-निर्यात की सुविधा के लिए रेलवे का निर्माण किया गया। धीरे-धीरे ब्रिटिश पूँजी से भारत जहाँ मशीनों के आविष्कारों ने उद्योग एवं उत्पादन में वृद्धि कर औद्योगीकरण की प्रक्रिया की शुरूआत की थी, वहीं भारत में कुटीर उद्योग बन्द होने की कगार पर पहुँच गया।
- Class 10 Social Science All Chapter VVI Guess Question Paper 2023
S.N | Social Science (सामाजिक विज्ञान) 📒 |
1. | History (इतिहास) Guess Paper |
2. | Geography (भूगोल) Guess Paper |
3. | Economics (अर्थ-शास्त्र) Guess Paper |
4. | Political Science (राजनितिक विज्ञानं) Guess Paper |
5. | Disaster Management (आपदा प्रबंधन) Guess Paper |
10th Class Social Science Subjective Question Answer : बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2023 इतिहास का लघु उत्तरीय प्रश्न और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर नीचे दिया गया है दिए गए लिंक पर क्लिक करके लघु उत्तरीय प्रश्न और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न पढ़ सकते हैं । कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान सब्जेक्टिव क्वेश्चन 2023