अगर आप कक्षा 10 के छात्र हैं और मैट्रिक परीक्षा 2023 की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको कक्षा 10 हिंदी काव्य खंड का हिरोशिमा का सब्जेक्टिव क्वेश्चन नीचे दिया गया है। जो कि आपके मैट्रिक परीक्षा 2023 के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसलिए शुरू से अंत तक जरूर पढ़ें। और आपको इस वेबसाइट पर हिरोशिमा Objective Question भी पढने के लिए मिल जायेगा।
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हिरोशिमा Subjective Question Answer 2023
1. कविता के प्रथम अनुच्छेद में निकलने वाला सूरज क्या है ? वह कैसे निकलता है ?
उत्तर ⇒ कविता के प्रथम अनुच्छेद में निकलने वाला सूरज मानव निर्मित परमाणु है। ये सूरज अचानक आकाश से न निकलकर नगर के चौक पर निकलता है। यह सूरज अर्थात् परमाणु बम मिट्टी में धसकर फटता है और उसमें विनाशकारी ऊष्मा और ज्वालाएँ निकलती हैं ।
2. छायाएँ दिशाहीन सब ओर क्यों पड़ती हैं? स्पष्ट करें ।
उत्तर ⇒ सूरज जब पूरब से निकलता है तो वस्तुओं की छायाएँ विपरीत दिशा में पड़ती हैं। परंतु उस दिन सूरज निकला तो छायाएँ दिशाहीन थी क्योंकि सूरज उस दिन पूरब से नहीं निकला था बल्कि मानव-निर्मित सूरज अर्थात् परमाणु बम गिरा था तो और उसके असीमित प्रकाश के कारण छायाएँ सब ओर
दिशाहीन पड़ती थीं ।
3. प्रज्वलित क्षण की दोपहरी से कवि का आशय क्या है ?
उत्तर ⇒ प्रज्वलित क्षण की दोपहरी से कवि का आशय है कि जब बम गिरा तो उसमें इतना प्रकाश और ऊष्मा थी कि जीव-जंतु, पशु-पक्षी, पेड़-पौधे और मानव भी जल गया और उसका अवशेष भी नहीं बचा। बम फ़टने पर जब असीमित प्रकाश फैला तो कवि ने प्रज्वलित क्षण की दोपहरी कहा।
4. मनुष्य की छायाएँ कहाँ और क्यों पड़ी हुई हैं ?
उत्तर ⇒ मनुष्य की छायाएँ जापान के शहर हिरोशिमा में पड़ी हैं। जब अमेरिका ने हिरोशिमा पर अणु बम फेंका तो उससे निकलने वाले असीमित ऊष्मा और ताप से सभी वस्तुएँ पिघलकर द्रव में परिवर्तित हो गई। जब यह द्रव ठोस हुआ तो उसकी आकृति छाया के समान बन गई हैं। यह छायाएँ हिरोशिमा में विध्वंशक घटना के साक्ष्य के रूप में पड़ी हुई हैं।
Hiroshima Subjective Question Answer 2023
5. हिरोशिमा में मनुष्य की साखी के रूप में क्या है ?
उत्तर ⇒ हिरोशिमा में मनुष्य की साखी के रूप में पत्थर पर लिखी हुई मानवीय संहार की घटना है। कहने का अर्थ है कि झुलसे पत्थर, खंडहर और मनुष्य की छायाएँ इस बात का सबूत हैं
कि अतीत में यहाँ मानव द्वारा स्वयं अपना विनाश किया गया था। अनंत काल तक हिरोशिमा के अवशेष इस घटना को स्मरण करवाते रहेंगे।
6. व्याख्या करें।
नोट: संपूर्ण पदों की व्याख्या के अंतर्गत देखें।
7. आज के युग में इस कविता की प्रासंगिता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर ⇒ आज संपूर्ण विश्व बारूद के ढेर पर बैठा हुआ है। अस्त्र-शस्त्र के निर्माण और शक्ति संपन्न बनने की होड़ में मानव ने जीवन को संकट में डाल दिया है। परमाणु परीक्षण और परमाणु संपन्न देशों से संसार भर में भय व्याप्त है। पहले अतीत में जो घटना घटित हुई है उससे और अधिक विध्वंश के साथ पुर्नावृत्ति होने की संभावना है। इस दृष्टि से देखें तो यह कविता मानव-जाति के लिए एक चेतावनी है। इसलिए यह कविता आज के युग में और अधिक प्रासांगिक है।
Class 10th Hindi Subjective Question 2023
Hindi Subjective Question | |
S.N | गोधूलि भाग 2 ( गद्यखंड ) |
1. | श्रम विभाजन और जाति प्रथा |
2. | विष के दाँत |
3. | भारत से हम क्या सीखें |
4. | नाखून क्यों बढ़ते हैं |
5. | नागरी लिपि |
6. | बहादुर |
7. | परंपरा का मूल्यांकन |
8. | जित-जित मैं निरखत हूँ |
9. | आवियों |
10. | मछली |
11. | नौबतखाने में इबादत |
12. | शिक्षा और संस्कृति |
Hindi Subjective Question | |
S.N | गोधूलि भाग 2 ( काव्यखंड ) |
1. | राम बिनु बिरथे जगि जनमा |
2. | प्रेम-अयनि श्री राधिका |
3. | अति सूधो सनेह को मारग है |
4. | स्वदेशी |
5. | भारतमाता |
6. | जनतंत्र का जन्म |
7. | हिरोशिमा |
8. | एक वृक्ष की हत्या |
9. | हमारी नींद |
10. | अक्षर-ज्ञान |
11. | लौटकर आऊंगा फिर |
12. | मेरे बिना तुम प्रभु |
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