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Class 10th Hindi Subjective Question

पाठ-8 जित-जित मै निरखत हूँ ( गोधूलि भाग-2 गध खंड ) Subjective Question 2023 || Jeet Jeet mai Nirkhat Hun Subjective Question Answer 2023

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दोस्तों यहां पर आपको कक्षा दसवीं हिंदी गोधूलि भाग 2 बिहार बोर्ड के लिए जित-जित मै निरखत हूँ पाठ का सब्जेक्टिव प्रश्न दिया गया है। जो मैट्रिक परीक्षा 2023 के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है ।और यहाँ पर Jeet Jeet mai Nirkhat Hun का Objective Question Answer दिया गया है। जिसे आप आसानी से पढ़ सकते है

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जित-जित मै निरखत हूँ Subjective Question Answer 2023

1. लखनऊ और रामपुर से बिरजू महाराज का क्या संबंध है ?

उत्तर ⇒ लखनऊ बिरजू महाराज का जन्म स्थान है जबकि रामपुर में ही इन्होंने नृत्यकला का आरंभ किया था। इसके साथ ही इनके पिता ने रामपुर में 22 साल तक नौकरी की।

2. रामपुर के नवाब की नौकरी छूटने पर हनुमान जी को प्रसाद क्यों चढ़ाया ?

उत्तर ⇒ बिरजू महाराज के पिता 22 सालों नवाब की नौकरी कर रहे थे और उनका मन ऊब चुका था। वह नौकरी स्वयं छोड़ना चाहते थे। जब नवाब ने नौकरी से निकाल दिया तो खुश होकर उन्होंने हनुमान जी को प्रसाद चढ़ाया।

3. नृत्य की शिक्षा के लिए पहले-पहल बिरजू महाराज किस संस्था से जुड़े और वहाँ किनके सम्पर्क में आए ?

उत्तर ⇒ नृत्य की शिक्षा के लिए पहले-पहल बिरजू महाराज हिंदुस्तानी डांस म्यूजिक से जुड़े। इस संस्था में ही बिरजू महाराज कपिलाजी, लीला कृपलानी आदि के संपर्क में आए।

4. किनके साथ नाचते हुए बिरजू महाराज को पहली बार प्रथम पुरस्कार मिला ?

उत्तर ⇒ कलकत्ते में पिता और चाचा के साथ नाचते हुए पहली बार प्रथम पुरस्कार मिला।

Jeet Jeet mai Nirkhat Hun Subjective Question Answer 2023

5. बिरजू महाराज के गुरू कौन थे ? उनका संक्षिप्त परिचय दें।

उत्तर ⇒ बिरजू महाराज अपने पिता को ही गुरू मानते हैं। उन्होंने स्वयं कहा- ‘शागिर्द तो बाबू जी का हूँ।’ बिरजू महाराज ने नृत्य का अभ्यास पिता जी से ही सीखा था। इनके पिता रायगढ़, पटियाला और रामपुर रियासतों में काम कर चुके थे। रामपुर में 22 साल तक नौकरी की। वे अपने समय के प्रसिद्ध कलाकार थे।

6. बिरजू महाराज ने नृत्य की शिक्षा किसे और कब देनी शुरू की ?

उत्तर ⇒ बिरजू महाराज ने सबसे पहले सीताराम बागला नाम के लड़के को नृत्य की शिक्षा देनी शुरू की। पिता की मृत्यु के बाद आर्थिक स्थिति खराब होने पर उन्होंने शिक्षा देनी शुरू की।

7. बिरजू महाराज के जीवन में सबसे दुखद समय कब आया ? उससे संबंधित प्रसंग का वर्णन कीजिए।

उत्तर ⇒ बिरजू महाराज के जीवन में सबसे दुखद समय तब आया,
जब उनके पिता की मृत्यु हुई। उस समय उनकी आयु मात्र ग्यारह साल की थी। जमापूँजी खत्म हो चुकी थी और कर्ज भी काफी बढ़ गया था। उनके चाचा का फिजूल खर्चा और उनके दो पुत्रों की मौत से परिवार को अत्यन्त दुखद जीवन का सामना करना पड़ा। घर चलाने के लिए महाराज दो-दो ट्यूशन करते थे। वह रोज तीन मील पैदल जाकर नृत्य सिखाते थे। इस कारण से ही बिरजू महाराज हाईस्कूल फेल हो गए थे। यह उनके जीवन का सबसे दुखद समय था।

8. शंभु महाराज के साथ बिरजू महाराज के संबंध पर प्रकाश डालिए।

उत्तर ⇒ बिरजू महाराज के पिता के समय से ही दोनों का चूल्हा अलग था। शंभू महाराज नशा करने के शौकीन थे। नशे की हालत में वे परिवार वालों को गालियाँ देते थे। इस तरह बिरजू महाराज के साथ शंभू महाराज के संबंध अच्छे नहीं थे।

जित-जित मै निरखत हूँ प्रश्न उत्तर class 10

9. कलकत्ते के दर्शकों की प्रशंसा का बिरजू महाराज के नृर्तक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा ?

उत्तर ⇒ कलकत्ते के दर्शकों की प्रशंसा का बिरजू महाराज के नृर्तक जीवन पर अत्यन्त प्रभाव पड़ा। यहीं से देश भर में वे प्रसिद्ध हुए और ऑफर. आने शुरू हो गए। बंबई से ब्रजनारायण ने बुलाया। उसके बाद उनके नृत्य के प्रोग्राम कलकत्ते, बंबई और मद्रास तक में होने लगे।

10. संगीत भारती में बिरजू महाराज की दिनचर्या क्या थी ?

उत्तर ⇒ संगीत भारती में बिरजू महाराज साईकिल से समय पर जाते और दरियागंज के अपने घर वापस आते थे। संगीत भारती के बाद साइकिल से ट्यूशन देने जाते थे। प्रतिदिन पाँच या नौ नंबर की बस से रीगल या ओडेन अथवा रिवोली तक जाते थे। पाँच बजे से आठ बजे तक रोज घर पर रियाज करते थे। यह उनकी प्रतिदिन की दिनचर्या थी।

11. बिरजू महाराज कौन-कौन से वाद्य बजाते थे ?

उत्तर ⇒ बिरजू महाराज वाद्यों में तबला, सरोद, सितार, गिटार, हारमोनियम तथा बाँसुरी इत्यादि बजाते थे।

12. अपने विवाह के बारे में बिरजू महाराज क्या बताते हैं ?

उत्तर ⇒ अपने विवाह के बारे में बिरजू महाराज बताते हैं कि जब मैं 18 वर्ष का था तो अम्मा ने न चाहते हुए मेरी शादी कर दी। बिरजू महाराज इसे बहुत बड़ी गलती मानते हैं। वह चाहते थे कि पहले काम कर लें फिर शादी करें।

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13. बिरजू महाराज की अपने शागिर्दो के बारे में क्या राय है ?

उत्तर ⇒ अपने शागिर्दो में रश्मि वाजपेयी का नाम लेते हैं, जिसने तरक्की की अच्छे खानदान में ‘शाश्वती’ है। विदेशी शिष्या में वैरोनिक के बारे में बताते हैं कि वह तरक्की कर रही है। इसके साथ ही फिलिप और मेक्लीन टॉक चले गए, वह तरक्की कर सकते थे। बिरजू महाराज कृष्णमोहन, राममोहन और अपने बेटे के बारे में बताते हैं कि वह नृत्य पर ध्यान नहीं देते थे।

14. व्याख्या करें-

(क). पाँच सौ रूपए देकर मैंने गण्डा बँधवाया।

सन्दर्भः प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक गोधूलि भाग-2 में संकलित ‘जित जित में निरखत हूँ’ नामक पाठ से अवतरित है। इसकी संपादिका रश्मि वाजपेयी हैं।

नोट : इस पाठ के सभी व्याख्याओं का सन्दर्भ यही रहेगा।

प्रसंग : प्रस्तुत पंक्ति में बिरजू महाराज के शिष्य बनने पर प्रकाश डाला गया है।

व्याख्याः बिरजू महाराज कहते हैं कि मैंने अपने पिता से ही नृत्य की शिक्षा ग्रहण की। परंपरा के अनुसार गुरू को दक्षिणा देकर कंठी या गण्डा लेकर शिष्य बनें। कहने का अर्थ यह है कि वे अपने पिता के ही शिष्य बनें।

(ख). मैं कोई चीज़ चुराता नहीं हूँ कि अपने बेटे के लिए ये रखना है, उसको सिखाना है।

संदर्भ : प्रश्न 14 के (क) में देखें।

प्रसंग : इन पंक्तियों में गुरू के लिए सभी शिष्यों के प्रति समान व्यवहार होना बताया गया है।

व्याख्या : बिरजू महाराज कहते हैं कि मेरे पास जो भी हुनर था, उसे मैंने अपने शागिर्दो को दिया। ऐसी कोई चीज़ नहीं थी जो मैंने अपने बेटे के लिए रखी हो और शागिर्दो को न दी हो। कहने का अर्थ है कि बिरजू महाराज ने अपने शिष्य और शिष्याओं को वह सब ज्ञान दिया जो उनके पास था।

(ग). मैं तो बेचारा उसका असिस्टेंट हूँ। उस नाचने वाले का।

संदर्भ : प्रश्न 14 के (क) में देखें। प्रसंग : इस पंक्ति में हास्य का प्रयोग किया है।

व्याख्या : मालती माधव नृत्य का आयोजन हुआ तो उसमें बिरजू महाराज को असिस्टेंट का काम दिया गया। जबकि इसमें एक्शन इत्यादि स्वयं महाराज बिरजू ने ही दिए थे। कहने का अर्थ है कि मुख्य काम करने के बावजूद असिस्टेंट का ही काम दिया गया।

15. बिरजू महाराज अपना सबसे बड़ा जज किसको मानते थे ?

उत्तर ⇒ बिरजू महाराज अपना सबसे बड़ा जज अपनी माँ को मानते है ।

जित-जित मै निरखत हूँ Subjective Question Answer

16. पुराने और आज के नृर्तकों के बीच बिरजू महाराज क्या फर्क पाते हैं ?

उत्तर ⇒ बिरजू महाराज आज के और पुरानी नृतकों के बीच फर्क बताते हुए कहते हैं कि पहले सुविधाएँ नहीं थी फिर भी हम शिकायत नहीं करते थे। आज एयर कंडिशन और तमाम सुविधाओं के होने के बावजूद नृतक शिकायत करते हैं कि स्टेज सही नहीं है, गड्ढ़ा है।

Class 10th Hindi Subjective Question 2023

Hindi Subjective Question
S.N गोधूलि भाग 2 ( गद्यखंड )
1. श्रम विभाजन और जाति प्रथा
2. विष के दाँत
3. भारत से हम क्या सीखें
4. नाखून क्यों बढ़ते हैं
5. नागरी लिपि
6. बहादुर
7. परंपरा का मूल्यांकन
8. जित-जित मैं निरखत हूँ
9. आवियों
10. मछली
11. नौबतखाने में इबादत
12. शिक्षा और संस्कृति
Hindi Subjective Question
S.N गोधूलि भाग 2 ( काव्यखंड )
1. राम बिनु बिरथे जगि जनमा
2. प्रेम-अयनि श्री राधिका
3. अति सूधो सनेह को मारग है
4. स्वदेशी
5. भारतमाता
6. जनतंत्र का जन्म
7. हिरोशिमा
8. एक वृक्ष की हत्या
9. हमारी नींद
10. अक्षर-ज्ञान
11. लौटकर आऊंगा फिर
12.  मेरे बिना तुम प्रभु
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Indrajeet Kumar
मैं इंद्रजीत कुमार हूं. मैं Pragatishilclasses.com पर एक ब्लॉगर और सामग्री निर्माता हूं। मेरे पास विभिन्न क्षेत्रों में अनुभव है जिसमें सरकारी नौकरियों के अपडेट, नवीनतम समाचार अपडेट, खेल, सरकारी योजनाएं, गेमिंग, राजनीति, तकनीकी रुझान, वित्त, सरकारी नीतियां आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों में वर्तमान घटनाएं शामिल हैं।
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