दोस्तों यहां पर आपको कक्षा दसवीं हिंदी गोधूलि भाग 2 बिहार बोर्ड के लिए शिक्षा और संस्कृति पाठ का सब्जेक्टिव प्रश्न दिया गया है। जो मैट्रिक परीक्षा 2023 के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है ।और यहाँ पर Siksha Aur Sanskriti का Objective Question Answer दिया गया है। जिसे आप आसानी से पढ़ सकते है।
Bihar Board All Subject Pdf Download Class Xth | |
Click Here | |
Click Here |
शिक्षा और संस्कृति Subjective Question Answer 2023
1. गाँधीजी बढ़िया शिक्षा किसे कहते हैं ?
उत्तर ⇒ गाँधीजी अहिंसक प्रतिरोध की शिक्षा को बढ़िया शिक्षा मानते हैं। इसलिए यह अक्षर ज्ञान से पहले होनी चाहिये।
2. इंद्रियों का बुद्धिपूर्वक उपयोग सीखना क्यों जरूरी है ?
उत्तर ⇒ इंद्रियों का बुद्धिपूर्वक उपयोग सीखना इसलिए जरूरी है क्योंकि इंद्रियों का बुद्धिपूर्वक उपयोग बुद्धि के विकास का उत्तम तरीका है, जिससे मस्तिष्क का ठीक-ठीक और सर्वांगीण विकास होता है।
3. शिक्षा का अभिप्राय गाँधीजी क्या मानते हैं ?
उत्तर ⇒ शिक्षा का अभिप्राय गाँधी जी बच्चे के शरीर, बुद्धि और आत्मा के सभी उत्तम गुणों को प्रकट किया जाना मानते हैं। इसके साथ ही उन्हें उपयोगी दस्तकारी भी सिखाई जाए। तभी शिक्षा का उद्देश्य पूर्ण होगा।
4. मस्तिष्क और आत्मा का उच्चतम विकास कैसे संभव है ?
उत्तर ⇒ बच्चे की शिक्षा का आरंभ इस तरह किया जाए कि जिस क्षण उसकी तालीम शुरू हो, उसी क्षण उसे कोई दस्तकारी का काम सिखाया जाए। उन्हें उत्पादन के काम के योग्य बनाया जाए। इससे ही मस्तिष्क और आत्मा का उच्चतम विकास संभव है।
Siksha Aur Sanskriti Subjective Question Answer 2023
5. गाँधीजी कताई और धुनाई जैसे ग्रामोद्योगों द्वारा सामाजिक क्रांति कैसे संभव मानते थे ?
उत्तर ⇒ गाँधी जी मानते हैं कि कताई और धुनाई जैसे ग्रामोद्योगों की शिक्षा देने से नगर और ग्रामों के अच्छे संबंध बनेंगे। नैतिक आधार प्राप्त होगा और देहातों का बढ़ता हुआ ह्रास रुक जाएगा। अमीर-गरीब का अप्राकृतिक भेद समाप्त हो जाएगा और गजारा करने लायक कमाई और स्वतंत्रता के अधिकारों का आश्वासन होगा। इसीलिए गाँधजी धुनाई और कताई जैसे ग्रामोद्योगों द्वारा सामाजिक क्रांति संभव मानते हैं।
6. शिक्षा का ध्येय गाँधीजी क्या मानते थे और क्यों ?
उत्तर ⇒ गाँधीजी शिक्षा का ध्येय चरित्र निर्माण मानते हैं। उनका मानना है कि साहस, बल, सदाचार और आत्मोत्सर्ग शक्ति का विकास करना आवश्यक है। चरित्र-निर्माण इसलिए आवश्यक है कि बच्चों में गुणों का विकास होगा तो समाज को बेहतर बनाने लायक बनेंगे और सामाजिक संगठन का दायित्व उनके हाथों में सौंपा जा सकता है।
7. गाँधीजी देशी भाषाओं में बड़े पैमाने पर अनुवाद कार्य क्यों आवश्यक मानते थे ?
उत्तर ⇒ गाँधीजी देशी भाषाओं में बड़े पैमाने पर अनुवाद कार्य इसलिए चाहते है क्योंकि भारत के लोग विश्व की तमाम भाषाओं की अच्छी बाते और ज्ञान को अपनी भाषाओं में सीख भी ले और अपनी मातृभाषा की उपेक्षा और त्याग भी करना न पड़े।
8. दूसरी संस्कृति से पहले अपनी संस्कृति की गहरी समझ क्यों जरूरी है ?
उत्तर ⇒ हमारी संस्कृति अनेक ज्ञान-रत्नों से भरी है। हमें उससे सीखना चाहिये और अपने व्यवहार में लाना चाहिये। अपनी संस्कृति की समझ इसलिए भी जरूरी है कि इसके बाद ही हम दूसरी संस्कृतियों को समझ सकते हैं।
कक्षा 10 वी हिंदी शिक्षा और संस्कृति सब्जेक्टिव प्रश्न उत्तर 2023
9. अपनी संस्कृति और मातृभाषा की बुनियाद पर दूसरी संस्कृतियों और भाषाओं से सम्पर्क क्यों बनाया जाना चाहिए? गाँधीजी की राय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर ⇒ दूसरी संस्कृतियों और भाषाओं की समझ और कद्र अपनी भाषा और संस्कृति की कद्र करना है। दूसरी संस्कृति को जानना चाहिये और भाषाओं को भी सीखना चाहिये ताकि उसका लाभ दूसरे भारतीय लोगों को मिले। गाँधी जी की राय है कि सब देशों की हवा मेरे घर के चारों ओर स्वतंत्रता के साथ बहती रहे। साहित्य में रूचि रखने वाले अंग्रेजी और दूसरी भाषाएँ सीखे लेकिन अपनी विद्वता का लाभ भारत और संसार के लोगों को उसी तरह दें जैसे बोस, राय या टैगोर दे रहे हैं। अर्थात अपनी मातृभाषा में ज्ञान देकर लाभन्वित करें।
10. गाँधीजी किस तरह के सामंजस्य को भारत के लिए बेहतर मानते हैं और क्यों ?
उत्तर ⇒ गाँधी जी भिन्न-भिन्न संस्कृतियों के सामंजस्य को बेहतर मानते हैं जो कुदरती तौर पर स्वदेशी है और जिसमें अलग-अलग संस्कृतियों का स्थान सुरक्षित होगा। गाँधी जी मानते हैं कि भारत में अमेरीकी ढंग का सामंजस्य नहीं होना चाहिये जिसमें एक संस्कृति बाकी संस्कृतियों खत्म कर दे। भारत के लिए यही बेहतर है कि प्रत्येक संस्कृति का भारतीय संस्कृति से सामंजस्य स्थापित हो। इससे आपसी मेल होगा जो कुदरती और भारतीय होगा।
11.आशय स्पष्ट करें।
(क). मैं चाहता हूँ कि सारी शिक्षा किसी दस्तकारी या उद्योगों के द्वारा दी जाए।
उत्तर ⇒ गाँधी जी ने कहा कि सारी शिक्षा दस्तकारी या उद्योगों के द्वारा दी जाए। कहने का अर्थ यह है कि इससे छात्र स्वावलंबी बनेंगे और स्वतंत्रता की गुंजाइश रहेगी। जब प्रत्येक व्यक्ति किसी हुनर में माहिर होगा तो उसे गाँव से शहर की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा। गाँव और शहर के रिश्ते अच्छे होंगे और गरीब-अमीर की खाई कम होगी।
शिक्षा और संस्कृति सब्जेक्टिव क्वेश्चन
(ख). इस समय भारत में शुद्ध आर्य संस्कृति जैसा कोई चीज मौजूद नहीं है।
उत्तर ⇒ भारत अनेक संस्कृतियों के मेल और सामंजस्य वाला देश है। जो लोग यह चाहते हैं कि आर्य संस्कृति का बोलबाला हो, – उन्हें गाँधी जी बताते है कि भारत में शुद्ध आर्य संस्कृति जैसी
कोई चीज मौजूद नहीं है। क्योंकि भारतीय संस्कृति तो विभिन्न संस्कृतियों के मेल और एकता का नाम है।
(ग). मेरा धर्म कैदखाने का धर्म नहीं है।
उत्तर ⇒ कहने का अर्थ है कि अपनी भाषा और संस्कृति को प्रेम और सम्मान करने के साथ दूसरी भाषा और संस्कृति का सम्मान भी करना चाहिये। अपनी भाषा और संस्कृति की उपेक्षा तथा दूसरी संस्कृति का विरोध करना धर्म के अनुकूल नहीं है।
Class 10th Hindi Subjective Question 2023
Hindi Subjective Question | |
S.N | गोधूलि भाग 2 ( गद्यखंड ) |
1. | श्रम विभाजन और जाति प्रथा |
2. | विष के दाँत |
3. | भारत से हम क्या सीखें |
4. | नाखून क्यों बढ़ते हैं |
5. | नागरी लिपि |
6. | बहादुर |
7. | परंपरा का मूल्यांकन |
8. | जित-जित मैं निरखत हूँ |
9. | आवियों |
10. | मछली |
11. | नौबतखाने में इबादत |
12. | शिक्षा और संस्कृति |
Hindi Subjective Question | |
S.N | गोधूलि भाग 2 ( काव्यखंड ) |
1. | राम बिनु बिरथे जगि जनमा |
2. | प्रेम-अयनि श्री राधिका |
3. | अति सूधो सनेह को मारग है |
4. | स्वदेशी |
5. | भारतमाता |
6. | जनतंत्र का जन्म |
7. | हिरोशिमा |
8. | एक वृक्ष की हत्या |
9. | हमारी नींद |
10. | अक्षर-ज्ञान |
11. | लौटकर आऊंगा फिर |
12. | मेरे बिना तुम प्रभु |
Bihar Board All Subject Pdf Download Class Xth | |
Click Here | |
Click Here |