दोस्तों मैट्रिक परीक्षा 2023 का तैयारी करना चाहते है तो यहाँ पर (Social Science) सामाजिक विज्ञान का क्वेश्चन आंसर दिया गया है जिसमें अर्थशास्त्र (Economics) का वैश्वीकरण का सब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर ( Vaishveekaran Subjective Question Answer ) दिया गया है तथा सामाजिक विज्ञान का मॉडल पेपर ( Social Science Model Paper 2023 ) भी दिया गया है और आपको सोशल साइंस का ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर वैश्वीकरण ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर ( Vaishveekaran Objective Question Answer ) आपको इस वेबसाइट पर आसानी से मिल जाएगा।
- Class 10 Social Science All Chapter VVI Guess Question Paper 2023
S.N | Social Science (सामाजिक विज्ञान) 📒 |
1. | History (इतिहास) Guess Paper |
2. | Geography (भूगोल) Guess Paper |
3. | Economics (अर्थ-शास्त्र) Guess Paper |
4. | Political Science (राजनितिक विज्ञानं) Guess Paper |
5. | Disaster Management (आपदा प्रबंधन) Guess Paper |
BSEB Class 10th सामाजिक विज्ञान (अर्थशास्त्र ) वैश्वीकरण Subjective Question 2023
लघु उत्तरीय प्रश्न |
1. बहुराष्ट्रीय कंपनी किसको कहते हैं ?
उत्तर ⇒ बहुराष्ट्रीय कंपनी वह है जो एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण व स्वामित्व रखती है, जैसे- फोर्ड मोटर्स, सैमसंग, कोकाकोला, नोकिया आदि। बहराष्ट्रीय कंपनियाँ उत्पादन लागत में कमी करने एवं अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से उन जगहों या देशों में उत्पादन के लिए कारखाने स्थापित करते हैं जहाँ उन्हें सस्ता श्रम,
सस्ता कच्चा माल एवं अन्य संसाधन मिल सकते हैं।
2. वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ वैश्वीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा विश्व की विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं का समन्वय या एकीकरण किया जाता है ताकि वस्तुओं एवं सेवाओं, प्रौद्योगिकी, पूँजी और श्रम या मानवीय पूँजी का भी निर्बाध प्रवाह हो सके। वैश्वीकरण के अन्तर्गत पूँजी, वस्तु तथा प्रौद्योगिकी का निर्बाध रूप से एक देश से दूसरे देश में प्रवाह होता है।
3. उदारीकरण को परिभाषित करें ?
उत्तर ⇒ उदारीकरण का अर्थ सरकार द्वारा लगाए गए सभी अनावश्यक नियंत्रणों तथा प्रतिबंधों, जैसे- लाइसेंस कोटा आदि को हटाना है। आर्थिक सुधारों के अन्तर्गत 1991 ई० से भारत सरकार ने उदारीकरण की नीति अपनायी।
4. निजीकरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ निजीकरण से अभिप्राय निजी क्षेत्र द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों पर पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से स्वामित्व प्राप्त करना तथा उनका प्रबंध करना है। आर्थिक सुधारों के अन्तर्गत भारत सरकार ने 1991 ई० से निजीकरण की नीति अपनायी।
Class 10th Social science Economocs Subjective Question Bihar Board Matric Exam 2023
5. भारत में सन् 1991 के आर्थिक सुधारों से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ भारत में आर्थिक सुधारों से मतलब उन नीतियों से है जिनका आरंभ 1991 ई० से अर्थव्यवस्था में कुशलता, उत्पादकता, लाभदायकता एवं प्रतियोगिता की शक्ति के स्तरों में वृद्धि करने के दृष्टिकोण से किया गया है। ये सुधार उदारीकरण, निजीकरण तथा वैश्वीकरण की नीतियों पर आधारित है। अतः इन्हें LPG (Libralisation,
Privatisation Globalisation) नीति भी कहते हैं।
6. विश्व व्यापार संगठन क्या है ? यह कब और कहाँ स्थापित किया गया ?
उत्तर ⇒ विश्व व्यापार संगठन एक ऐसी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसका उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना है। इसकी स्थापना 1995 ई० में की गई। भारत इसका संस्थापक सदस्य रहा है। इसका मुख्यालय जेनेवा में है। यह संस्था अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित नियमों को निर्धारित करता है और नियमों का पालन करवाता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न |
1. वैश्वीकरण का बिहार पर पड़े प्रभावों को बताएँ।
उत्तर ⇒ वैश्वीकरण का बिहार पर सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभाव पड़े जिसे हम निम्न रूप में देख सकते हैं –
सकारात्मक प्रभाव :
(i). कृषि उत्पाद में वृद्धि : वैश्वीकरण के बाद बिहार में खाद्यानों का उत्पादन तीव्र गति से बढ़ा।
(ii). निर्यात में वृद्धि : वैश्वीकरण के फलस्वरूप बिहार में उत्पादित वस्तुओं का खासकर लीची, आम एवं मखाना के निर्यात में वृद्धि हुई।
(iii). निर्धनता में कमी : वैश्वीकरण के बाद राज्य में निर्धनता में काफी कमी आयी।
(iv). रोजगार के अवसरों में वृद्धि : वैश्वीकरण के फलस्वरूप रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है। उच्च शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्राप्त लोगों को देश एवं विदेशों में नए अवसर उपलब्ध हुए।
नकारात्मक प्रभाव :
(i). कृषि एवं कृषि आधारित उद्योगों की उपेक्षा
(ii). कुटीर एवं लघु उद्योगों पर विपरीत प्रभाव
(iii). रोजगार पर विपरीत प्रभाव
(iv). आधारभूत संरचना के कम विकास के कारण कम निवेश
2. भारत में वैश्वीकारण के पक्ष में तर्क दें।
उत्तर ⇒ भारत में श्रम संसाधनों की बहुलता के कारण यहाँ बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा सकता है। विश्व का बड़ा उपभोक्ता बाजार होने के कारण दुनिया के सभी देशों की निगाहें भारत पर है। ऐसी स्थिति में आधुनिक तकनीकी ज्ञान एवं पूँजी को आकर्षित करने के लिए तथा विश्व बाजार में मानव पूंजी और उत्पादित वस्तु को भेजने में
वैश्वीकरण का महत्त्व बहत अधिक बढ़ जाता है। भारत में वैश्वीकरण के समर्थन में निम्नांकित तर्क दिए जा
सकते हैं –
(i). प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को प्रोत्साहन
(ii). प्रतियोगी शक्ति में वृद्धि
(iii). नई- प्रौद्योगिकी के प्रयोग में सहायक
(iv). अच्छी उपभोक्ता वस्तुओं की प्राप्ति
(v). नए बाजार तक पहुँच
(vi). उत्पादन तथा उत्पादिता के स्तर को उन्नत करना
(vii). बैंकिंग तथा वित्तीय क्षेत्र में सुधार
(viii).मानवीय पूँजी की क्षमता का विकास
सामाजिक विज्ञान (हमारी अर्थव्यवस्था) पाठ – 6 वैश्वीकरण SUBJECTIVE QUESTION
3. एक बहुराष्ट्रीय कंपनी द्वारा किसी देश में अपनी उत्पादन इकाई लगाने के निर्णय पर किन बातों का प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर ⇒ एक बहुराष्ट्रीय कंपनी द्वारा किसी देश में अपनी उत्पादन इकाई लगाने के निर्णय पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ता है
(i). स्थानीय कंपनी को खरीदना और उसके बाद उत्पादन का प्रसार करना। इसका उदाहरण है पारले समूह के ‘थम्स अप’ ब्रांड को कोका कोला ने खरीद लिया।
(ii). कभी-कभी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ इन देशों की स्थानीय कंपनियों के साथ संयुक्त रूप से उत्पादन करती हैं। इससे स्थानीय कंपनियों को एक तो नयी प्रौद्योगिकी मिलता है, जिसे बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ अपने साथ लाती है। दूसरा ज्यादा उत्पादन करने के लिए पूँजी मिलता है क्योंकि बहुराष्ट्रीय कंपनियों के पास काफी ज्यादा पूँजी होती है।
(iii). बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ माल के उत्पादन के लिए छोटे उत्पादक का सहारा लेती हैं। जैसे- वस्त्र, जूते, खेल के सामान, खिलौने आदि का उत्पादन बड़ी संख्या में छोटे उत्पादकों द्वारा बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए किया जाता है। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ ये उत्पाद खरीद कर अपने ब्रांड नाम से दुनिया भर में बेचती है।
4. वैश्वीकरण का आम आदमी पर पड़े प्रभावों की चर्चा करें।
उत्तर ⇒ वैश्वीकरण से आम लोगों पर निम्नलिखित बुरा प्रभाव पड़ा है—
(i) बेरोजगारी बढ़ने की आशंका–वैश्वीकरण के कारण आधुनिक संयंत्रों से मशीनी उत्पादन को बढ़ावा मिला है, जिसके कारण समाज के अधिकतम श्रम-शक्ति जो अर्धकुशल या अकुशल हैं। ऐसे लोगों में बेरोजगारी के बढ़ने की संभावना हो गई है।
(ii) उद्योग एवं व्यवसाय के क्षेत्र में बढ़ती हुई प्रतियोगिता–विदेशी पूँजी एवं विदेशी कंपनियों के बिना किसी प्रतिबंध के आयात होने से आमलोगों में बेरोजगारी फैलाने की संभावना बढ़ गई है।
(iii) श्रम-संगठनों पर बुरा प्रभाव– श्रमिक संगठनों के द्वारा आम मजदूरों की न्यूनतम माँगों को संगठित रूप से माँग की जाती है जिससे श्रमिकों को सामान्य वेतन एवं सुविधाएँ उपलब्ध होने लगती है। अब वैश्वीकरण के कारण श्रम कानूनों में लचीलापन आया है जिससे श्रमिक संगठन भी कमजोर हो गया है इससे आम श्रमिकों की उचित पारिश्रमिक मिलने में कठिनाई आने लगी है।
(iv) मध्यम एवं छोटे उत्पादकों की कठिनाई—वैश्वीकरण के कारण मध्यम एवं छोटे उत्पादकों के लिए अपने उत्पादन को सक्षम बनाए रखने में अनेक कठिनाईयाँ होने लगी हैं प्रकृति का यह एक सामान्य नियम है कि पानी में बड़ी मछलियाँ, छोटी मछलियों को खा जाती है। उसी तरह वैश्वीकरण के कारण जो बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ देश में आने लगे हैं उससे मध्यम और छोटे उद्योग और व्यवसाय के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो गया है।
(v) कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र का संकट—वैश्वीकरण के कारण अब देश और विदेश के बड़े-बड़े पूँजीपति फार्म हाऊस बनाने लगे हैं जिसमें कृषि के क्षेत्र में भी अधिक पूँजी निवेश के द्वारा कम श्रम-शक्ति से ही अधिक उत्पादन प्राप्त करने लगे हैं। इस स्थिति में गाँव के मध्यम एवं छोटे श्रेणी के किसानों के लिए अनेक प्रकार के संकट उत्पन्न हो गए हैं।
तत्काल में भारत के आम लोगों को वैश्वीकरण से पर्याप्त लाभ मिलने की संभावना कम है। 21वीं शताब्दी के भारत के विकास के संबंध में जो संभावित स्थिति बनती है उसमें भारत एक सम्पन्न विकसित देश होने के कगार पर है । ऐसी स्थिति में वर्तमान में यदि न्यायपूर्ण वितरण प्रणाली एवं सभी क्षेत्रों के सम्यक विकास के आधार पर समाज के सभी वर्गों तथ सभी क्षेत्रों का संतुलित विकास किया जाए तभी वैश्वीकरण का तात्कालिक लाभ आम लोगों को प्राप्त हो सकेगा।
10th Class Social Science Subjective Question Answer : बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2023 इतिहास का लघु उत्तरीय प्रश्न और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर नीचे दिया गया है दिए गए लिंक पर क्लिक करके लघु उत्तरीय प्रश्न और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न पढ़ सकते हैं । कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान सब्जेक्टिव क्वेश्चन 2023