अगर आप कक्षा 10 के छात्र हैं और मैट्रिक परीक्षा 2023 की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको कक्षा 10 हिंदी काव्य खंड का भारतमाता का सब्जेक्टिव क्वेश्चन नीचे दिया गया है। जो कि आपके मैट्रिक परीक्षा 2023 के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसलिए शुरू से अंत तक जरूर पढ़ें। और आपको इस वेबसाइट पर भारतमाता Objective Question भी पढने के लिए मिल जायेगा।
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भारतमाता Subjective Question Answer 2023
1. कविता के प्रथम अनुच्छेद में कवि भारतमाता का कैसा चित्र प्रस्तुत करता है ?
उत्तर ⇒ कविता के प्रथम अनुच्छेद में कवि भारतमाता का चित्र ग्रामवासिनी के रूप में प्रस्तुत करता है। जिसमें भारतमाता का आँचल खेतों के रूप में फैला प्रतीत होता है और वह धूल धूसित श्यामल है। कवि ने प्रथम अनुच्छेद में बताया कि गंगा-जमुना भारतमाता की दो आँखें है और इन नदियों का जल भारतमाता के आँसू हैं। भारतमाता मिट्टी की मूर्ति की तरह उदासिनी हैं।
2. भारतमाता अपने ही घर में प्रवासिनी क्यों बनी हुई है ?
उत्तर ⇒ पराधीनता के तम (अंधकार) से विषादयुक्त मन वाली भारतमाता युगों-युगों की गुलामी के कारण अपने ही घर में प्रवासिनी
3. कविता में कवि भारतवासियों का कैसा चित्र खींचता है ?
उत्तर ⇒ कविता में कवि ने भारतीयों का नग्न, भूखे, शोषिष, निहत्थे, अज्ञानी, अशिक्षित, निर्धन और विदेशी शासन के सामने नत मस्तक होने के रूप में चित्र खींचा है। पराधीनता के कारण उनकी दुर्दशा का चित्रण किया है।
4. भारतमाता का हास भी राहुग्रसित क्यों दिखाई पड़ता है ?
उत्तर ⇒ भारतमाता की स्वर्णिम फसल रौंदी जा रही है। उनकी संताने (भारतवासी) कष्टों को सहन कर रही हैं। धरती की भाँति सहनशील भारतमाता का मन कुंठित है। पराधीनता और शोषण से दुखी भारतमाता के काँपते होठों पर मौन मुस्कान नहीं है। इस कारण ही भारतमाता का हास भी राहुग्रसित दिखाई पड़ रहा है।
Bharatmata Subjective Question Answer 2023
5. कवि भारतमाता को गीता प्रकाशिनी मानकर भी ज्ञानमूढ़ क्यों कहता है ?
उत्तर ⇒ भारत सदैव ज्ञान और तप का देश रहा है। ज्ञान से अंधकार का नाश होता है। पराधीनता के अंधकार ने समस्त देश को ढक लिया है। इस देश के लोगों के पास गीता के ज्ञान का भण्डार है, फिर भी पराधीनता का विरोध नहीं कर रहे हैं। इसलिए ही कवि ने भारतमाता को गीता प्रकाशिनी मानकर भी भारत के लोगों को ज्ञानमूढ़ कहा है।
6. कवि की दृष्टि में आज भारतमाता का तप-संयम क्यों सफल है ?
उत्तर ⇒ गुलामी में भयभीत भारतीयों को महात्मा गाँधी ने सत्य और अहिंसा रूपी एकता के सूत्र में बाँध दिया। जो भारतीय पराधीनता और स्वाधीनता के अंतर को नहीं जानते थे, वे अब देश में स्वशासन चाहने लगे हैं इसलिए कवि की दृष्टि में आज भारतमाता का तप-संयम सफल है।
7. व्याख्या करें –
(क) स्वर्ण शस्य पर-पद-तल लुंठित, धरती-सा सहिष्णु मन कुंठित।
उत्तर ⇒ संदर्भः प्रस्तुत पंक्ति हमारी पाठ्य-पुस्तक गोधूलि भाग-2 से
‘भारतमाता’ पाठ से अवतरित है, जिसके रचयिता सुमित्रानंदन पंत हैं।
प्रसंगः प्रस्तुत पंक्तियों में पराधीनता से आहत भारतमाता के कुंठित मन का वर्णन किया गया है।
व्याख्याः कवि कहता है कि पराधीन भारतमाता की स्वर्णिम फसल अर्थात यहाँ की सम्पत्ति और देशवासियों को पैरों तले कुचला जा रहा है। देशवासियों का शोषण बढ़ता जा रहा है। अपनी संतानों की दुर्दशा को देखकर धरती के समान सहनशक्ति रखने वाली भारतमाता का मन अत्यन्त खिन्न और आहत है।
भारतमाता Subjective Question Answer
(ख) चिंतित भृकुटि क्षितिज तिमिरांकित, नमित नयन नभ वाष्पाच्छादित
उत्तर ⇒ सन्दर्भः प्रश्न 7 के (क) में देखें।
प्रसंगः प्रस्तुत पंक्ति में कवि ने भारत देश को माता के रूप में चित्रित करते हुए उसके दुःखी मन के माध्यम से देश की दुर्दशा का मार्मिक चित्रण किया है।
व्याख्या: अंग्रेजों के अत्याचार से सभी भारतीय दु:खी हैं। भारतीयों के दुःख को देखकर ही भारतमाता की भौंहों पर चिंता प्रकट हो रही है। भारतवर्ष में आकाश से क्षितिज तक अंधकार छा गया है। यह अंधकार दासता और पराधीनता का है। संपूर्ण भारत अंग्रेजों के अधीन है भारत की इस दुर्दशा को देखकर ही भारतमाता की आँखों में आँसू बह रहे हैं। बहने वाले आँसू आकाश में वाष्प बनकर उड़ रहे हैं।
Class 10th Hindi Subjective Question 2023
Hindi Subjective Question | |
S.N | गोधूलि भाग 2 ( गद्यखंड ) |
1. | श्रम विभाजन और जाति प्रथा |
2. | विष के दाँत |
3. | भारत से हम क्या सीखें |
4. | नाखून क्यों बढ़ते हैं |
5. | नागरी लिपि |
6. | बहादुर |
7. | परंपरा का मूल्यांकन |
8. | जित-जित मैं निरखत हूँ |
9. | आवियों |
10. | मछली |
11. | नौबतखाने में इबादत |
12. | शिक्षा और संस्कृति |
Hindi Subjective Question | |
S.N | गोधूलि भाग 2 ( काव्यखंड ) |
1. | राम बिनु बिरथे जगि जनमा |
2. | प्रेम-अयनि श्री राधिका |
3. | अति सूधो सनेह को मारग है |
4. | स्वदेशी |
5. | भारतमाता |
6. | जनतंत्र का जन्म |
7. | हिरोशिमा |
8. | एक वृक्ष की हत्या |
9. | हमारी नींद |
10. | अक्षर-ज्ञान |
11. | लौटकर आऊंगा फिर |
12. | मेरे बिना तुम प्रभु |
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